आईपीएस शैलेन्द्र श्रीवास्तव की किताब: इंदौर के कारोबारी के बेटे की किडनैपिंग में दर्जी का हाथ, दो दशक बाद भी है वो फरार, डॉन दाऊद इब्राहिम से था कनेक्शन

इंदौर के एक कारोबारी के बेटे की किडनैपिंग के मामले में मुख्य आरोपी दो दशक बाद भी फरार है। यह आरोपी एक मामूली सा दर्जी था लेकिन जब जांच हुई तो पता चला कि, इसके तार दाऊद इब्राहिम से जुड़े हैं।

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Ravi Singh
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Don Dawood Ibrahim
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इंदौर के एक कारोबारी के बेटे की किडनैपिंग के मामले में मुख्य आरोपी दो दशक बाद भी फरार है। यह आरोपी एक मामूली सा दर्जी था लेकिन जब जांच हुई तो पता चला कि, इसके तार दाऊद इब्राहिम से जुड़े हैं। इन सभी बातों का खुलासा सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने अपनी किताब में किए है। इस किताब में ऐसा बहुत कुछ है जिसे पढ़ने के बाद आप चौक जाएंगे..।

दरअसल, 17 अगस्त 2005 को इंदौर के एक कारोबारी के बेटे का अपहरण हुआ था। कारोबारी के बेटे का नाम नितेश था। नितेश के पिता को किडनैपर्स ने कॉल करके 4 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। किडनैपर्स ने कारोबारी को पुलिस के पास जाकर शिकायत न करने की धमकी दी थी। कारोबार ने हिम्मत दिखाई और पुलिस के पास जाकर शिकायत कर दी।

इसके बाद नितेश का अपहरण कर लिया गया। इस मामले में एक दर्जी मुख्य आरोपी था। इसका नाम था इस्माइल। यहां चौकाने वाली बात यह है कि, इस्माइल की मदद ध्रुव और गौरव ने की थी। दोनों ही नितेश के दोस्त थे। पुलिस ने जब नितेश अपहरण मामले की जांच के समय  ध्रुव और गौरव से पूछताछ की तो इस्माइल के बारे में चौंकाने वाले खुलासे हुए। इस्माइल के बारें में क्या बड़ा खुलासा हुआ यह जानने से पहले नितेश अपहरण मामले को समझना जरुरी है।

किडनैपिंग क्यों की

इस्माइल को नितेश के अपहरण के लिए करोड़ों रुपए और खाड़ी देश में एक नौकरी ऑफर हुई थी। यह ऑफर आफताब में दिया था। आफताब 1997 में मुंबई से खाड़ी देश में भाग गया था। वहां पहुंचकर  उसने क्राइम की दुनिया में कदम रख दिया था। बता दें कि, इस्माइल इस केस में अकेला नहीं था उसके अलावा मनीष, अमजद और इरदीस खान भी साजिशकर्ता थे।

इसके बाद क्या हुआ

अदालत में यह केस 2010 तक चला। इंदौर की अदालत ने मनीष, अमजद और इरदीस खान को उम्र कैद की साझा सुना दी और ध्रुव और गौरव समेत कुछ अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। इस मामले में अमजद और इरदीस खान 2020 - 21 में जेल से छूट गए लेकिन एक आरोपी कभी पुलिस के हाथ ही नहीं लगा।इसका नाम था इस्माइल।

अब इस्माइल के बारे में जानिए राज की बात

दरअसल इस्माइल और रंधावा दो आरोपी पुलिस के चंगुल से बाहर रहे। इस्माइल शिवपुरी जिले का एक दर्जी था। दर्जी शायद बाहरी दुनिया के लिए लेकिन असल में उसके तार दाऊद इब्राहिम से जुड़े थे। आफताब जिसने उसे किडनैपिंग के लिए करोड़ों रुपए का ऑफर दिया था वह डॉन दाऊद इब्राहिम की गैंग का सदस्य था। अब यह समझना कोई मुश्किल बात नहीं है कि, इस्माइल किसका करीबी था।

दाऊद इब्राहिम की बेटी के लिए सिला गाउन

दाऊद इब्राहिम की बेटी माहरूख की शादी साल 2005 में मक्का में हुई थी। उसकी शादी के लिए एक गाउन इस्माइल ने सिला था। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि, इस्माइल द्वारा माहरूख के लिए गाउन सिले जाने के एक महीने बाद ही इंदौर के कारोबारी नितेश का अपहरण हुआ था।

इन सब बातों का खुलासा कैसे हुआ ?

ऊपर बताई गई सभी बातों का खुलासा IPS डॉ. शैलेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा प्रकाशित एक किताब में हुआ है। इस किताब में उन्होंने इस पूरे किस्से का बड़ी बारीकी से वर्णन किया है। 1986 बैच के IPS अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र श्रीवास्तव हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं। 1994 में उन्हें एक माओवादी नेता की गिरफ्तारी के लिए पुरस्कार भी मिला है। अपनी किताब में उन्होंने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

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