इसरो ने पीएसएलवी से ओशनसैट-3 लॉन्च किया, भूटान के रिमोट सेंसिंग उपग्रह समेत 8 नैनो सैटेलाइट भी भेजे गए  

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Vivek Sharma
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इसरो ने पीएसएलवी से ओशनसैट-3 लॉन्च किया, भूटान के रिमोट सेंसिंग उपग्रह समेत 8 नैनो सैटेलाइट भी भेजे गए  

Sriharikota. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज यानी 26 नवंबर 2022 को सुबह 11.56 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से ओशनसैट-3 (OceanSat) सैटेलाइट लॉन्च किया। लॉन्चिंग PSLV-XL रॉकेट से की गई इसके साथ भूटान के लिए खास रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट समेत आठ नैनो सैटेलाइट्स भी लॉन्च किए गए। भूटानसैट (BhutanSat aka INS-2B) भूटानसैट यानी इंडिया-भूटान का ज्वाइंट सैटेलाइट है जो एक टेक्नोलॉजी डिमॉन्सट्रेटर है। यह एक नैनो सैटेलाइट है। भारत ने इसके लिए भूटान को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की है। भूटानसैट में रिमोट सेंसिंग कैमरा लगे हैं यानी ये सैटेलाइट जमीन की जानकारी देगा। रेलवे ट्रैक बनाने, ब्रिज बनाने जैसे विकास संबंधी कार्यों में मदद करेगा।  इसमें मल्टी स्पेक्ट्रल कैमरा भी लगा है यानी सामान्य तस्वीरों के साथ अलग-अलग प्रकाश तरंगों के आधार पर तस्वीरें भी मिलेंगी। 



भूटान में भारत ग्राउंड स्टेशन भी डेवलप कर रहा



डेटा रिसेप्शन भूटान में भारत के सहयोग से बनाए गए सेंटर में होगा लेकिन उससे पहले उसे इसरो हासिल करके उन्हें देगा। भूटान में भारत ग्राउंड स्टेशन भी डेवलप कर रहा है. OceanSat-3 समुद्री सतह के तापमान (Sea Surface Temperature), क्लोरोफिल, फाइटोप्लैंकटॉन, एयरोसोल और प्रदूषण की भी जांच करेगा। यह 1000 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट है जिसे इसरो अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट-6 (EOS-6) नाम दिया गया  है। इसके साथ चार Astrocast, Thybolt-1, Thybolt-2 और आनंद (Anand) सैटेलाइट्स जाएंगे। आनंद निजी कंपनी पिक्सेल की सैटेलाइट है। एस्ट्रोकास्ट एक रिमोट इलाके को कनेक्ट करने वाला सैटेलाइट है। यह छोटी, सस्ती और टिकाऊ तकनीक है सैटेलाइट IoT सर्विस की Thybolt सैटेलाइट भारतीय निजी स्पेस कंपनी ध्रुवा स्पेस ने बनाया है।



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इन्हें लोअर अर्थ ऑर्बिट (LEO) में लॉन्च किया जाएगा।  ओशनसैट-1 को पहली बास साल 1999 में लॉन्च किया गया था। इसके बाद इसका दूसरा सैटेलाइट 2009 में अंतरिक्ष में स्थापित किया गया था। बीच में ओशनसैट-3 लॉन्च करने के बजाय स्कैटसैट (SCATSAT-1) को भेजा गया था, क्योंकि ओशनसैट-2 बेकार हो चुका था। ओशनसैट के बारे में कहा जाता है कि इसके जरिए समुद्री सीमाओं पर निगरानी भी रखी जा सकती है। इन आठों सैटेलाइट्स को PSLV-XL रॉकेट के जरिए लॉन्च पैड एक से लॉन्च किया गया है.  यह रॉकेट 320 टन वजनी है. इसकी लंबाई 44.4 मीटर और व्यास 2.8 मीटर है. इस रॉकेट में चार स्टेज होते हैं. ये रॉकेट कई सैटेलाइट्स को अलग-अलग ऑर्बिट्स में लॉन्च कर सकता है.


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