भगवान जगन्नाथ मंदिर ( Lord Jagannath Temple ) के दुर्लभ खजाने को आज यानी 14 जुलाई को खोल दिया गया है। जानकारी के मुताबिक इस खजाने को इससे पहले साल 2018 में खोलने की कोशिश की गई थी।
लेकिन कुछ कारणों की वजह से खोला नहीं जा सका था। हालांकि पिछली बार साल 1985 में इस तहखाने को खोला गया था। जिसके बाद राजाओं के मुकुट से लेकर खजानों से भरी तिजोरियां देखने को मिली थीं।
दरअसल, रत्न भंडार में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के कीमती आभूषण और खाने-पीने के बर्तन रखे हुए हैं।
खजाने में क्या निकला
जगन्नाथ मंदिर का प्रतिष्ठित खजाना रत्न भंडार 46 साल बाद खोल दिया गया है। इस दौरान मेडिकल टीम और स्नेक हेल्पलाइन मौजूद रही। हालांकि अभी खजाने में क्या क्या निकला है।
इसकी पहले एक सूची बनाई जाएगी। इसी के साथ आभूषणों की क्वालिटी की जांच होगी और कीमती सामानों का वजन भी किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक इस खजाने के कीमती सामानों की सूची की निगरानी के लिए राज्य सरकार ने समिति बनाई है। ओडिशा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि जिस स्थान पर कीमती सामान अस्थायी रूप से रखा जाएगा, वह भी तय है।
खजाने में क्या हो सकता है
खजाने में वो चीजें हैं, जो उस दौर में राजाओं और भक्तों ने मंदिर में चढ़ाए थे। जानकारी के मुताबिक 12वीं सदी के बने मंदिर में तब से ये चीजें रखी हुई हैं। आपको बता दें कि इस भंडारघर के दो है। एक बाहरी और एक भीतरी भंडार।
समय-समय पर खुलता है बाहरी हिस्सा
आपको बता दें कि खजाने के बाहरी हिस्से को समय-समय पर खोला जाता है। इसे त्योहार या अन्य किसी भी मौके पर खोलकर गहने बहार निकाले जाते हैं और भगवान को सजाया जाता है।
हालांकि रत्न भंडार का अंदरूनी चैंबर पिछले 46 साल से बंद है। आखिरी बार इसे साल 1978 में खोला गया था। साथ ही साल 1985 में भी इन चैंबर को खोला गया था।
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