20 दिसंबर को दिल्ली में परिसीमन आयोग की मींटिग हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मीटिंग में जम्मू संभाग में 6 सीट और कश्मीर में एक सीट बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है। मीटिंग में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) की सीट बढ़ाने का भी प्रस्ताव रखा गया है। सूत्रों के अनुसार ST के लिए नौ और SC के लिए सात सीटों का प्रस्ताव है। यह पहली बार है जब जम्मू-कश्मीर में एसटी के लिए सीटों को आरक्षित किया जा रहा है।
परिसीमन की जरूरत क्यों?
जम्मू कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 और 35A हटने (Article 370) से पहले की विधानसभा में कुल 87 सीटें थी। जिसमें कश्मीर घाटी की 46 और जम्मू की 37 के अलावा लद्दाख (Ladakh) की 4 सीटें शामिल थी। लेकिन जब लद्दाख अलग हुआ तो वहां की 4 सीटें खत्म कर दी गई। अब जम्मू कश्मीर में 83 विधानसभा सीटें हैं। जिन्हें जनसंख्या और 2011 के जनगणना (Census) के अनुसार बढ़ाकर 90 किया जाना है।
फारूक अब्दुल्ला भी शामिल थे
Union Min Dr.Jitendra Singh, National Conference chief Farooq Abdullah along with party leaders Mohammad Akbar Lone&Hasnain Masudi & BJP Jugal Kishore Sharma are taking part in meeting of Delimitation Commission in Delhi
(Earlier visual after their arrival at the meeting venue) pic.twitter.com/rmWEk0gazI
— ANI (@ANI) December 20, 2021
मीटिंग में जम्मू कश्मीर के पांच सांसद मौजूद रहे।इनमें केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला (National Conference farooq Abdullah), मोहम्मद अकबर लोन और हसनैन मसूदी शामिल थे। परिसीमन आयोग (Delimitation Commission of India) की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई कर रही हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा पैनल के पदेन सदस्य हैं। मीटिंग में केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा सीटों को फिर से तैयार करने के लिए विस्तार से चर्चा की गई।
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