इलेक्शन कमीशन ने शुक्रवार 16 अगस्त को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा की है। जम्मू-कश्मीर में 3 चरणों में ये चुनाव होंगे। पहला चरण 18 सितंबर, दूसरा 25 सितंबर और तीसरा 1 अक्टूबर को होगा। वहीं वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का शेड्यूल जारी करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि हमारी टीम ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया है इसके बाद ही चुनाव की तारीखों का ऐलान किया है। लोकसभा चुनाव के बाद राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर हमारी तैयारियां पूरी हैं।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होंगे, 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 16, 2024
4 अक्टूबर को मतगणना होगी। pic.twitter.com/FUsmUZzNDh
जम्मू-कश्मीर में कितने मतदाता
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कुल 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से 74 सामान्य, एससी-7 और एसटी-9 हैं। यहां कुल 87.09 लाख मतदाता हैं इनमें से 44.46 लाख पुरुष, 42.62 लाख महिलाएं, 3.71 लाख पहली बार मतदाता और 20.7 लाख युवा मतदाता हैं। अमरनाथ यात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगी और अंतिम मतदाता सूची 20 अगस्त को प्रकाशित की जाएगी।
लोग बदलाव का हिस्सा बनना चाहते हैं
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हमने जम्मू-कश्मीर दौरा कर चुनाव की तैयारियों को लेकर जायजा लिया है। लोगों में चुनाव को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया और वे चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेना चाहते हैं। लोग चाहते हैं कि जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएं। लोकसभा चुनाव के दौरान जम्मू-कश्मीर में केंद्रों पर मतदान के लिए लगी लंबी-लंबी कतारें इस बात का सबूत हैं कि लोग न केवल बदलाव चाहते हैं बल्कि, उस बदलाव का हिस्सा बनना चाहते हैं। लोग अपनी किस्मत खुद लिखना चाह रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लोकसभा चुनाव के दौरान बुलेट के बजाय बैलेट को चुना।
जम्मू-कश्मीर में लगा था राष्ट्रपति शासन
जून 2018 से जम्मू और कश्मीर में कोई चुनी हुई सरकार नहीं है। बीजेपी ने जब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ा तो महबूबा मुफ्ती को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उस समय तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक राज्य का नेतृत्व कर रहे थे। मलिक ने 28 नवंबर, 2018 को जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग कर दी थी। इसके बाद 19 दिसंबर, 2018 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अनुच्छेद 356 के तहत जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा की अधिसूचना जारी कर दी। आठ महीने बाद 5 अगस्त, 2019 को केंद्र में बीजेपी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को स्पेशल स्टेट देने वाली धारा 370 को निरस्त कर दिया और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया।
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