लापरवाही की बलि चढ़े 10 नवजात, फायर एक्सटिंग्विशर्स थे एक्सपायर
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एनआईसीयू वार्ड में लगी आग से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। लापरवाही में एक्सपायर फायर सिलेंडर और खराब सुरक्षा प्रबंधन सामने आए। परिजनों ने डीएनए टेस्ट की मांग की है।
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एनआईसीयू (NICU) वार्ड में लगी भीषण आग ने 10 नवजात शिशुओं की जान ले ली। यह हादसा न केवल दिल दहला देने वाला है, बल्कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन की गंभीर लापरवाही को भी उजागर करता है। घटना में एक्सपायर हो चुके फायर एक्सटिंग्विशर्स (Fire Extinguishers) और अन्य सुरक्षा मानकों की अनदेखी सामने आई है।
मेडिकल कॉलेज में इस्तेमाल हो रहे फायर सिलेंडर 2020 और 2023 में ही एक्सपायर हो चुके थे। उन्हें रिफिल तक नहीं कराया गया था। घटना के बाद से यह सवाल उठने लगा है कि आखिर प्रशासन ने सुरक्षा उपकरणों की नियमित जांच क्यों नहीं करवाई।
पीड़ित परिवारों की व्यथा
घटना के बाद से अस्पताल में अफरा-तफरी मची हुई है। पीड़ित परिवार अपने बच्चों को तलाश रहे हैं। कुलदीप नामक एक व्यक्ति ने बताया कि आग लगने के बाद उन्होंने खिड़की तोड़कर चार से पांच बच्चों को बचाया, लेकिन उनका खुद का बच्चा अब तक लापता है। माया नाम की एक महिला ने बताया कि उनकी बेटी का बच्चा एनआईसीयू में भर्ती था। आग की घटना के बाद से उनका बच्चा गायब है और अस्पताल प्रशासन किसी तरह की स्पष्ट जानकारी देने में नाकाम रहा है।
डीएनए टेस्ट की मांग
कई परिवारों ने डीएनए टेस्ट कराने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि आग लगने के बाद बच्चों की पहचान करना मुश्किल हो गया है। अंकित नामक एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि उनके 7 महीने के भतीजे की मौत की सूचना दी गई, लेकिन इस सूचना की पुष्टि के लिए डीएनए टेस्ट होना चाहिए।
सुरक्षा में चूक पर सवाल
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में इस हादसे ने सुरक्षा उपायों पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। एक्सपायर फायर सिलेंडर और खराब आपातकालीन प्रबंधन ने इस त्रासदी को और भयावह बना दिया।
FAQ
झांसी हॉस्पिटल फायर में कितने बच्चों की मौत हुई है ?
झांसी हॉस्पिटल फायर में 10 नवजात शिशुओं की मौत हुई है।
आग लगने की वजह क्या थी?
अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा उपकरणों की खराबी आग की मुख्य वजह बताई जा रही है।
परिजनों ने क्या मांग की है?
पीड़ित परिजनों ने डीएनए टेस्ट कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
फायर सिलेंडर एक्सपायर होने की बात क्यों उठी?
अस्पताल में इस्तेमाल हो रहे फायर सिलेंडर 2020 और 2023 में ही एक्सपायर हो चुके थे, जिन्हें रिफिल नहीं कराया गया था।
क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी?
घटना के बाद प्रशासन और सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। दोषियों पर कार्रवाई की संभावना है। यह रिपोर्ट त्रासदी के गहरे प्रभाव और प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है। यह घटना प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि सुरक्षा मानकों को नजरअंदाज करने के परिणाम कितने गंभीर हो सकते हैं।