जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं। इसके नतीजे भी आ चुके हैं। अब एक बार फिर चुनाव प्रचार देखने को मिल सकता है। दरअसल, आज यानी मंगलवार दोपहर 3:30 बजे भारतीय चुनाव आयोग ( EC ) महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि पिछले दो विधानसभा चुनावों की तरह इस बार भी महाराष्ट्र में चुनाव हो सकते हैं। चुनाव आयोग राज्य की सभी सीटों पर एक ही चरण में मतदान करा सकता है। वहीं, झारखंड में पांच चरणों में मतदान का ट्रेंड कायम रह सकता है।
कब खत्म हो रहे कार्यकाल?
महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर 2024 को समाप्त हो रहा है, जबकि झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है। इससे पहले दोनों राज्यों में चुनाव कराना अनिवार्य है। खबरों की मानें तो EC, महाराष्ट्र और झारखंड में नवंबर या दिसंबर में चुनाव करा सकता है।
महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव बेहद ही खास होने वाले हैं क्योंकि यहां के समीकरण पूरी तरह बदल चुके हैं। सबसे पहले अगर महाराष्ट्र की बात करें तो यहां इस समय बीजेपी, शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की पार्टी NCP की सरकार है। ये तीनों ही पार्टियां इस समय महाराष्ट्र की सत्ता में हैं।
झारखंड का समीकरण बदला
अगर झारखंड की बात करें तो हाल ही में झारखंड की राजनीति में काफी उथल-पुथल देखने को मिली थी। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के दिग्गज नेता और झारखंड टाइगर के नाम से मशहूर चंपई सोरेन ने पार्टी छोड़ दी थी। हेमंत सोरेन का साथ छोड़ने के बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए। ये तब हुआ जब हेमंत सोरेन जेल से बाहर आए थे। दरअसल, ED ने जनवरी में सीएम हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद राज्य की कमान चंपई सोरेन के हाथों में चली गई। करीब 5 महीने बाद जब हेमंत जेल से बाहर आए तो चंपई सोरेन को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा। इससे नाराज होकर चंपई सोरेन ने पार्टी छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो चंपई सोरेन के आने से झारखंड में बीजेपी को मजबूती मिली है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने से पार्टी करीब 15 से 20 विधानसभा सीटों पर मजबूत हो गई है। हालांकि अब देखना यह है कि चंपई सोरेन के आने से वाकई बीजेपी को फायदा होता है या नहीं।
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कहां कितनी सीटें?
महाराष्ट्र में विधानसभा सीटों की संख्या 288 है। इनमें से भाजपा के पास 103, शिंदे गुट की शिवसेना के पास 37, अजित पवार गुट की एनसीपी के पास 39, छोटे दलों के पास 9 और निर्दलीय विधायकों की संख्या 13 है। ये सभी पार्टियां फिलहाल महाराष्ट्र की सत्ता में हैं।
विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस के पास 37 विधायक, उद्धव की शिवसेना के पास 37 और शरद पवार की एनसीपी के पास 13 विधायक हैं। अगर हम जादुई आंकड़े की बात करें तो यह 145 है। गौरतलब है कि शिवसेना और एनसीपी दो धड़ों में बंट गई हैं। एक अजित पवार की पार्टी एनसीपी और दूसरी एकनाथ शिंदे की शिवसेना है।
झारखंड में विधानसभा सीटों की संख्या 81 है। यहां सबसे बड़ी पार्टी JMM है। पार्टी के पास 27 विधायक हैं और कांग्रेस के पास 18 जबकि बीजेपी के पास 24 विधायक हैं। अगर बहुमत की बात करें तो यह 41 है।
ये हैं साल 2019 के आंकड़े
एमपी में भी हो सकता है तारीखों का ऐलान
बता दें कि महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ मध्य प्रदेश की दो हाई प्रोफाइल सीटों पर भी उपचुनाव कराए जा सकते हैं। इनमें बुधनी और विजयपुर की विधानसभा सीटें हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की 10, राजस्थान की 7, पश्चिम बंगाल की 6, असम की 5, बिहार की 4, पंजाब की 4, कर्नाटक की 3, केरल की 3, मध्य प्रदेश की 2, गुजरात की 2, सिक्किम की 2 और छत्तीसगढ़ की 1 विधानसभा सीटों पर भी उप चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है।
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