झारखंड की राजधानी रांची में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रांत प्रचारकों की आज शुक्रवार से तीन दिवसीय वार्षिक बैठक होने जा रही है। इस बैठक में आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाहक दतात्रेय होसबोले सहित संघ के तमाम बड़े पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे। सूत्रों की माने तो आरएसएस की इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी महासचिव बीएल संतोष भी शामिल हो सकते हैं।
क्यों खास है संघ की ये बैठक
इस महत्वपुर्ण बैठक में देशभर के प्रांत प्रचारक बैठक में हिस्सा लेंगे। ऐसे में देश के 46 प्रांतों के सभी प्रांत प्रचारक (क्षेत्रीय प्रमुख), सह प्रांत प्रचारक (सह क्षेत्रीय प्रमुख) और क्षेत्र प्रचारक (क्षेत्रीय प्रमुख) बैठक में मौजूद रहेंगें। यह हर साल दो बार बैठक होती है। आरएसएस के मुताबिक इस बैठक में साल भर शाखा और प्रवासी कार्यों की भी चर्चा होगी। इसके साथ ही शाखा के कार्य और विभागों की भी चर्चा होगी।
आगामी चुनावों को लेकर हो सकता ये बड़ा फैसला
यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब बीजेपी ने बगैर बहुमत से गठबंधन में सरकार बनाई है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यूपी, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में कई सीटों पर हार का सामना पड़ा है। वहीं विपक्ष गठबंधन को इंडिया को ज्यादा सीटें मिली है। अब आगे कुछ महीनों में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में आरएसएस की तीन दिवसीय बैठक में संघ के राज्य नेतृत्व में बड़े बदलाव किए जा सकते है। इसके साथ ही आरएसएस अपने कुछ सदस्यों को बीजेपी में भेज सकती है। इसको लेकर बैठक में फैसला हो सकता है।
46 प्रांतों के प्रांत प्रचारक समेत पदाधिकारी होंगे शामिल
इस बैठक में देशभर के 46 प्रांतों के सभी प्रांत प्रचारक (क्षेत्रीय प्रमुख), सह प्रांत प्रचारक (सह क्षेत्रीय प्रमुख) और क्षेत्र प्रचारक (क्षेत्रीय प्रमुख) शामिल होंगे। बैठक में संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत सभी शीर्ष नेता भी मौजूद रहेंगे। आरएसएस के प्रचार प्रभारी सुनील आंबेकर ने कहा कि बैठक में हाल ही में संपन्न हुए संघ प्रशिक्षण कार्यक्रमों और इसकी विभिन्न शाखाओं से जुड़े विभिन्न कार्यों पर चर्चा की जाएगी।
आरएसएस के एक नेता ने बताया यह वार्षिक बैठक आम तौर पर क्षेत्रीय स्तर पर किए गए कार्यों का जायजा लेने और अगले साल के लिए रोडमैप बनाने के लिए आयोजित की जाती है। बैठक में समसामयिक मुद्दों पर भी चर्चा की जाती है। इसके अलावा प्रांत स्तर पर बदलाव हो सकते हैं और कुछ कार्यकर्ता संगठनात्मक काम के लिए बीजेपी में जा सकते हैं। बैठक के दौरान इस पर चर्चा के बाद फैसला लिया जाएगा।
आगे बताया कि आरएसएस स्वयंसेवकों को संगठनात्मक कार्यों के लिए बीजेपी में भेजती है। ये स्वयंसेवक पार्टी और संगठन के बीच कड़ी के रूप में जिम्मेदारी संभालते या फिर किसी विशेष क्षेत्र में चुनाव और पार्टी के कामकाज के प्रबंधन में शामिल होते हैं।
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