New Delhi. दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया फिलहाल जेल में ही रहेंगे, दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत 2 जून तक के लिए बढ़ा दी है। मनीष सिसोदिया पर दिल्ली के कथित शराब घोटाले मामले पर सीबीआई और मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ईडी ने मामले दर्ज कर रखे हैं। बता दें कि इससे पहले गुरूवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
अपने केस के बजाय SC के फैसले पर दी प्रतिक्रिया
आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया ने राउज एवेन्यू कोर्ट में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संविधान का पालन करना चाहिए। बता दें कि एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के हक में फैसला देते हुए कहा था कि दिल्ली सरकार को सर्विसेज पर विधायी और कार्यकारी अधिकार हैं, ये वही शक्तियां है जो दिल्ली सरकार को मिली हुई हैं। हालांकि, राजधानी दिल्ली दूसरे केंद्र शासित प्रदेशों से अलग है, इसलिए इसमें कुछ हिस्सों जैसे पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर बाकी सभी चीजों पर विधानसभा का अधिकार होना चाहिए।
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दरअसल दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों को लेकर तनातनी लंबे समय से चल रही थी, जिस पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इधर शराब घोटाले मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया और अमनदीप ढल दोनों की न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ाई है।
डिफॉल्ट जमानत की मांग की गई
इधर विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल की अदालत में सीबीआई को 25 अप्रैल 2023 को दायर पूरक चार्जशीट की ई-कॉपी की आपूर्ति करने निर्देशित किया गया। मनीष सिसोदिया के वकील एडवोकेट ऋषिकेश ने दलील दी कि अधूरी चार्जशीट या अधूरी जांच के आधार पर हमे सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जमानत का अधिकार है। जिस पर सीबीआई से अदालत ने सवाल किया कि इस बात का जिक्र क्यों नहीं किया गया कि सिसोदिया के खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है। अदालत ने सवाल किया कि आप कहते हैं कि आपने एक पूरक चार्जशीट दायर की है, लेकिन आपने कहा है कि मामले में जांच लंबित है, आपने यह क्यों नहीं बताया कि सिसोदिया के खिलाफ जांच पूरी होने पर चार्जशीट दायर की जाती है?