फिर से शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा, सीधी हवाई उड़ानों पर भी बनी सहमति

कैलाश मानसरोवर यात्रा और भारत-चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट्स सेवा जल्द शुरू होगी। यह यात्रा 2020 से बंद थी, लेकिन अब दोनों देशों के बीच सहमति बनने के बाद इसे फिर से शुरू किया जा रहा है।

Advertisment
author-image
thesootr Network
New Update
india china

india china

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

कैलाश मानसरोवर यात्रा, जो 2020 से बंद थी, अब फिर से शुरू होने जा रही है। भारत और चीन के बीच इस यात्रा को लेकर द्विपक्षीय समझौतों (bilateral agreements) के आधार पर एक नई शुरुआत की उम्मीद है। इसके साथ ही, भारत और चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट सेवा भी शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। 

हालांकि, फ्लाइट की तारीख अभी घोषित नहीं की गई है। दोनों देशों के अधिकारियों के बीच हाल ही में बीजिंग में हुई मुलाकात में इन निर्णयों पर सहमति बनी थी। यह यात्रा भारतीय श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पवित्र है, जो कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास मानते हैं। इसके साथ ही, कैलाश मानसरोवर जाने के लिए चीन की अनुमति की आवश्यकता होती है क्योंकि अधिकांश क्षेत्र तिब्बत में स्थित है।

भारत और चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट्स की शुरुआत

भारत और चीन के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए फिर से शुरू होने के साथ-साथ डायरेक्ट फ्लाइट्स की सुविधा भी दी जाएगी। यह दोनों देशों के बीच संपर्क को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। फ्लाइट्स शुरू करने के लिए तकनीकी टीमों के बीच जल्द ही बातचीत होने की उम्मीद है।

इससे यात्रा की प्रक्रिया को सुविधाजनक और किफायती बनाने में मदद मिलेगी। हालांकि, इस प्रक्रिया में समय लग सकता है क्योंकि दोनों देशों के बीच विमानों की आवाजाही पर प्रतिबंध था।

कैलाश मानसरोवर यात्रा को हरी झंडी | Kailash Mansarovar Yatra | Indo China  Relation | India China to resume Kailash Mansarovar Yatra | Newstrack News  | Indo China Relation: कैलाश मानसरोवर यात्रा

कैलाश मानसरोवर यात्रा: 2020 से क्यों बंद थी

कैलाश मानसरोवर यात्रा 2020 से बंद हो गई थी। इस यात्रा पर रोक के कारणों में भारत-चीन सीमा विवाद और कोविड-19 महामारी शामिल थे। जून 2020 में डोकलाम विवाद और महामारी के कारण यात्रा रद्द कर दी गई थी। दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव और सुरक्षा कारणों से यह यात्रा रुक गई थी। इसके चलते, कैलाश यात्रा से जुड़े कई हिंदू श्रद्धालु अन्य मार्गों से दर्शन करने के लिए उत्तराखंड के व्यास घाटी की ओर रुख करने लगे थे।

धार्मिक महत्व और यात्रा का इतिहास

बता दें कि, कैलाश पर्वत का धार्मिक महत्व हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और अन्य धर्मों के अनुयायियों के लिए अत्यधिक है। हिंदू धर्म में इसे भगवान शिव का निवास माना जाता है, वहीं जैन धर्म के अनुयायी इसे ऋषभनाथ के मोक्ष स्थान के रूप में मानते हैं।

कैलाश पर्वत की ऊंचाई एवरेस्ट से कम है, लेकिन इसके चढ़ाई की कठिनाइयों के कारण कोई भी व्यक्ति अब तक इसका शिखर नहीं चढ़ पाया है। हालांकि, श्रद्धालु इसके आसपास की 52 किलोमीटर की परिक्रमा करते हैं।

भारत-चीन संबंधों में सुधार

भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 2023 में कजान में मुलाकात हुई थी, जहां दोनों देशों ने आपसी संबंधों को सुधारने और सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई थी।

इसके बाद से, कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने और डायरेक्ट फ्लाइट सेवा पर सहमति बनी है। इससे दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों को एक नई दिशा मिलेगी।

नई यात्रा मार्ग और सुरक्षा व्यवस्था

कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए नए मार्गों की भी योजना बनाई गई है। भारत और चीन के बीच समझौतों के तहत, लिपुलेख दर्रा और नाथूला के रास्ते से यात्रा की अनुमति दी गई थी। इसके साथ ही, यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाएगी। दोनों देशों के अधिकारी मिलकर यात्रा के लिए जरूरी प्रबंधों को सुनिश्चित करेंगे, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रूप से यात्रा कर सकें।

FAQ

कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से कब शुरू होगी?
कैलाश मानसरोवर यात्रा गर्मी के मौसम से शुरू होगी, हालांकि इसकी तारीख अभी निर्धारित नहीं की गई है।
भारत और चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट्स कब शुरू होंगी?
दोनों देशों की तकनीकी टीमें जल्द ही बातचीत करेंगी, इसके बाद फ्लाइट्स सेवा शुरू होगी।
कैलाश मानसरोवर यात्रा क्यों बंद हो गई थी?
2020 में सीमा विवाद और कोविड-19 महामारी के कारण यह यात्रा बंद कर दी गई थी।
कैलाश पर्वत का धार्मिक महत्व क्या है?
कैलाश पर्वत को हिंदू धर्म में भगवान शिव का निवास और जैन धर्म में ऋषभनाथ का मोक्ष स्थान माना जाता है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए किस देश से अनुमति चाहिए?
कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए चीन से अनुमति प्राप्त करनी होती है क्योंकि इसका अधिकांश क्षेत्र तिब्बत में स्थित है।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

India-China tension भारत-चीन संबंध India-China bilateral relations भारत-चीन न्यूज India China Relation देश दुनिया न्यूज