कनार्टक के मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता सिद्धारमैया को जोरदार झटका लगा है। MUDA लैंड स्कैम मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने केस चलाने के आदेश दे दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि कर्नाटक के गवर्नर ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे। यह सही है। केस में जांच की जरूरत है।
दरअसल, सिद्धारमैया ने गवर्नर के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं।
17 अगस्त को दिए थे जांच के आदेश
कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने 17 अगस्त को सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ जमीन से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में केस चलाने की अनुमति दी थी। कांग्रेस नेता पर मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) की जमीन के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने का आरोप है।
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सिद्धारमैया पर क्या लगे हैं आरोप?
दरअसल, दक्षिणी राज्य कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया पर MUDA द्वारा अधिग्रहित जमीन के एक टुकड़े को अपनी पत्नी के नाम से बदलने का आरोप है। आरोप के मुताबिक, मैसूर के एक पॉश इलाके में उनकी पत्नी को एक जमीन दी गई थी। जिसकी बाजार कीमत उनकी अपनी जमीन से कहीं ज्यादा है। इसी मामले में राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी कांग्रेस सरकार पर हमला बोल रही है। पिछले दिनों इसी मामले में सिद्धारमैया से CM पद से इस्तीफा मांगते हुए बेंगलुरु से लेकर मैसूरु तक पैदल यात्रा भी निकाली थी।
गवर्नर ने जारी किया था कारण बताओ नोटिस
कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने वकील और समाजिक कार्यकर्ता टीजे अब्राहम की याचिका के आधार पर 26 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में राज्यपाल ने सीएम को निर्देश दिया था कि वे अपने खिलाफ लगे आरोपों का जवाब दें और बताएं कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति क्यों नहीं दी जानी चाहिए। इसके बाद कर्नाटक सरकार ने राज्यपाल से 1 अगस्त को नोटिस वापस लेने को कहा था। कर्नाटक सरकार ने राज्यपाल पर संवैधानिक पद का घोर दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। अब इसी मामले में कोर्ट ने सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया है।
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