karva chauth : करवा चौथ के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं। महिलाएं पूरे दिन बिना अन्न-जल के निर्जला व्रत रखती हैं। माना जाता है कि जो महिलाएं सच्चे मन से करवा चौथ का व्रत रखती हैं उनके पति के जीवन पर मंडरा रहा हर संकट दूर हो जाता है। अक्सर देखा जाता है कि हर समाज में हर त्यौहार को लेकर एक खास रिवाज होता है जो उनके समाज में इस त्यौहार को खास बनाता है। इसी तरह पंजाबी महिलाएं जिन्हें सिख समुदाय के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि करवा चौथ पर जहां सभी निर्जला व्रत रखकर करवा चौथ मनाते हैं वहीं पंजाबी समाज में करवा चौथ के व्रत से पहले सरगी खाने का रिवाज है। सूर्योदय से पहले सरगी खाकर व्रत की शुरुआत होती है...
सरगी खाकर व्रत शुरू
पंजाबी समाज में करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं को सरगी उनकी सास या घर के बड़े-बुजुर्गों द्वारा दी जाती है। इसमें खाने-पीने की चीजों के साथ महिलाओं के श्रृंगार का सारा सामान होता है। पंजाबी समाज की सभी महिलाएं सुबह 3:30 से 4:30 बजे के बीच ब्रह्म मुहूर्त में सरगी खाकर अपना व्रत शुरू करती हैं। सरगी खाने का यह सबसे अच्छा समय होता है। इसके लिए बाजार से मिठाई, नमकीन और कई अन्य सामान पहले से ही खरीद कर रख लिया जाता है। कहा जाता है कि इन सभी सामानों के बिना पंजाबी अपना करवा चौथ अधूरा मानते हैं, खासकर पंजाबी समाज में इनका काफी महत्व है।
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ये वस्तुएं सजती हैं थाली में
karwa chauth पर महिलाएं सबसे ज्यादा करवा, नमकीन मठरी, मीठी मठरी और रोटी के आकार की मठरी की मांग करती हैं। पंजाबी समाज में karwa chauth पर महिलाएं सुबह जल्दी उठ जाती हैं और अपने घर के बड़े-बुजुर्गों द्वारा दी गई सरगी खाकर व्रत की शुरुआत करती हैं। इस सरगी की थाली में इन चीजों का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है।
सरगी में इन चीजों की डिमांड
karwa chauth पर महिलाएं सबसे ज्यादा करवा, नमकीन मठरी, मीठी मठरी और रोटी के आकार की मठरी की मांग करती हैं। पंजाबी समाज में करवा चौथ पर महिलाएं सुबह जल्दी उठ जाती हैं और अपने घर के बड़े-बुजुर्गों द्वारा दी गई सरगी खाकर व्रत की शुरुआत करती हैं। इस सरगी की थाली में इन चीजों का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है।
रिवाज का बड़ा महत्व
karwa chauth के दिन सूर्योदय से पहले बड़ों द्वारा दिए गए उपहारों से सरगी की शुरुआत होती है। इसमें मिठाइयां और श्रृंगार का सामान दिया जाता है। पंजाबी समाज में इस रिवाज का बड़ा महत्व है और सूर्योदय से पहले इन्हें खाने से व्रत शुरू होता है। यह व्रत निर्जला व्रत होता है, इसीलिए पंजाबी समाज में सुबह सरगी ली जाती है। सभी महिलाएं सुबह जल्दी उठकर तैयार होने के बाद सरगी लेती हैं, जिसके बाद यह व्रत शुरू होता है।
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