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शनिवार देर रात से Kharmas शुरू हो गया है, जिसके चलते एक माह तक कोई भी मांगलिक कार्य ( Auspicious Works) नहीं होंगे। विवाह ( Marriage), मुंडन ( Mundan) और अन्य शुभ कार्यों के लिए अब 15 जनवरी का इंतजार करना होगा। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, खरमास तब लगता है जब सूर्य वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करता है और 30 दिनों तक वहीं रहता है। धर्मशास्त्रों के अनुसार, इस समय सूर्य और गुरु का बल कमजोर हो जाता है, जिसके चलते शुभ कार्य वर्जित होते हैं। मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा और इसके साथ ही शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। विवाह के शुभ मुहूर्त 15 जनवरी के बाद ही मिलेंगे।
क्या है खरमास और इसका महत्व ?
खरमास हिंदू पंचांग (Hindu Calendar) के अनुसार वह अवधि होती है, जब सूर्य देव (Sun God) वृश्चिक राशि (Scorpio Zodiac) से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करते हैं। इस दौरान सूर्य देव अपने गुरु बृहस्पति (Jupiter) की सेवा में लग जाते हैं, जिससे उनका बल (Strength) कम हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शुभ कार्यों में सूर्य और गुरु दोनों का शुभ स्थिति में होना आवश्यक होता है। इसी कारण खरमास के दौरान विवाह (Marriage), मुंडन (Mundan), गृह प्रवेश (House Warming) जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते।
15 दिसंबर 2024 से शुरू होगा
इस साल खरमास 15 दिसंबर 2024 से शुरू हो रहा है और 15 जनवरी 2025 को समाप्त होगा। 15 दिसंबर को सूर्य वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश करेंगे और 30 दिनों तक वहीं रहेंगे। मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि (Capricorn Zodiac) में प्रवेश करेंगे और इसके साथ ही शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। इस दौरान विवाह (Marriage), जनेऊ (Thread Ceremony), मुंडन (Mundan) और गृह प्रवेश (House Warming) जैसे शुभ कार्य नहीं होंगे।
कौन-कौन से कार्य होते हैं वर्जित?
खरमास के दौरान कई प्रकार के शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। हिंदू धर्म (Hindu Religion) के अनुसार, इस दौरान मांगलिक कार्य करना अशुभ माना जाता है। जानिए कौन-कौन से कार्य नहीं किए जाते हैं:
विवाह- इस महीने में विवाह की अनुमति नहीं होती। विवाह के लिए 15 जनवरी के बाद शुभ मुहूर्त उपलब्ध होंगे।
मुंडन संस्कार- बच्चों के मुंडन संस्कार के लिए खरमास उपयुक्त नहीं माना जाता है।
गृह प्रवेश- नए घर में प्रवेश करने का कार्य भी वर्जित माना जाता है।
नया व्यवसाय- नया बिजनेस शुरू करने के लिए खरमास को शुभ समय नहीं माना जाता है।
किसी नए कार्य की शुरुआत- कोई भी नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ मुहूर्त 15 जनवरी के बाद ही प्राप्त होगा।
इस महीने में ये करें
रोजाना सुबह उठकर सूर्य की पूजा करें और अघ्र्य करें।
जप, तप, दान आदि करने से आपके जीवन से सभी प्रकार के कष्ट समाप्त होते हैं।
गाय, गुरु, ब्राह्मण और सन्यासियों की सेवा करें।
इस महीने नदियों में स्नान का विशेष महत्व होता है।
किसी पवित्र तीर्थ स्थान की यात्रा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
खरमास में ना करें ये कार्य
विवाह व सगाई या फिर शादी से जुड़ा कोई भी कार्य।
मुंडन, जनेऊ या फिर कोई अन्य संस्कार।
मकर संक्रांति के बाद शुरू होंगे शुभ कार्य
खरमास के बाद 15 जनवरी को मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के साथ मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि (Capricorn Zodiac) में प्रवेश करेंगे। इस समय सूर्य और गुरु दोनों की स्थिति शुभ मानी जाती है, जिससे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन और जनेऊ जैसे कार्य प्रारंभ हो सकते हैं।
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