नामीबिया से 8 चीते ग्वालियर पहुंचे, हेलिकॉप्टर से कूनो जाएंगे, यहां बाड़े में छोड़ेंगे पीएम मोदी

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The Sootr CG
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नामीबिया से 8 चीते ग्वालियर पहुंचे, हेलिकॉप्टर से कूनो जाएंगे, यहां बाड़े में छोड़ेंगे पीएम मोदी

Bhopal. 70 साल पहले भारत से विलुप्त हुए चीतों का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया। नामीबिया से 11 घंटे के सफर के बाद 17 सितंबर को सुबह करीब 7.45 बजे 8 चीते ग्वालियर के एयरफोर्स बेस पहुंच गए। यहां से उन्हें हेलिकॉप्टर से श्योपुर भेजा जाएगा। इन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कूनो पालपुर नेशनल पार्क में बाड़े में छोड़ेंगे। अब मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट के अलावा चीता स्टेट भी कहा जाएगा। कूनो में नए मेहमानों के लिए सभी तैयारियां हो चुकी हैं। चीतों को कंटेनर में लाया जा रहा है। इन्हें इस तरह से डिजाइन किया गया है कि चीतों को आभास ना हो कि उन्हें जंगल से बाहर कहीं ले जाया जा रहा है। 




— ANI (@ANI) September 17, 2022



आधे घंटे कूनो में रहेंगे पीएम मोदी



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार 17 सितंबर को कूनो पालपुर पहुंचेंगे। यहां सुबह 11 बजे वे चीतों को क्वारंटाइन बाड़े में छोड़ा जाएगा। पीएम चीता मित्र दल से बात भी करेंगे। इसके बाद दोपहर 12 बजे कराहल में आयोजित महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन में शामिल होंगे। 




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चीतों का वेलकम करने के लिए कूनो पालपुर पूरी तरह से तैयार है।




प्रधानमंत्री का मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम




  • 9:45 बजे सुबह विशेष विमान से ग्वालियर आगमन।


  • 10:35 बजे हेलिकॉप्टर से कूनो नेशनल पार्क पहुंचेंगे।

  • 11:15 बजे चीतों को बाड़े में छोड़ेंगे।

  • 11:30 बजे हेलिकॉप्टर से कराहल रवाना।

  • 11:50 बजे कराहल पहुंचेंगे।

  • 12 से 1 बजे तक महिला स्व सहायता समूह सम्मेलन में शामिल होंगे।

  • 1:15 बजे कराहल से हेलिकॉप्टर से ग्वालियर रवाना।

  • 2:15 बजे ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचेंगे।

  • 2:20 बजे दोपहर को ग्वालियर से रवाना।



  • 30 दिनों तक क्वारंटीन में रहेंगे



    चीतों को लेकर कूनो नेशनल पार्क में तैयारी पूरी हो चुकी है। उन्हें एक बाड़े में रखकर 30 दिनों तक क्वारंटीन किया जाएगा। उनके व्यवहार, सेहत व अनुकूलन पर पूरी तरह से नजर रखी जाएगी कि वे यहां के माहौल में खुद को कैसे ढाल रहे  हैं। एक महीने बाद चीतों को एक किलोमीटर के बाड़े में छोड़ा जाएगा। एक से डेढ़ महीने बाद थर्ड स्टेज में उन्हें कूनो में खुला छोड़ दिया जाएगा।



    500 चीते होने पर ही पुनर्व्यवस्थापन मान्य



    दूसरी ओर एक्सपर्ट्स के अनुसार भारत में चीतों का पुनर्व्यवस्थापन (री-अरेंजमेंट) तभी माना जाएगा, जब यहां चीतों की संख्या 500 हो जाएगी। इस टारगेट को पूरा करने के लिए साउथ अफ्रीका व नामीबिया से हर साल 8 से 12 चीते भारत भेजे जाएंगे। इसके अलावा भारत में चीतों की वंश वृद्धि भी इसमें शामिल होगी। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के आधार पर चीतों के रहन-सहन समेत अन्य मानकों का पूरा खाका बन गया है।

     


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