PM Modi Oath Ceremony: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट में एल. मुरुगन को राज्यमंत्री बनाया गया है। वे एमपी से राज्यसभा सांसद हैं और पहले भी केंद्र सरकार में पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग के साथ सूचना मंत्रालय में राज्यमंत्री रह चुके हैं। मंत्री बनने के बाद भी उनके मां—पिता मजदूरी करते रहे और गांव के कच्चे घर में रहते रहे।
दक्षिण में वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश में बीजेपी
मंत्री एल. मुरुगन मूलत: तमिलनाडु के हैं। वे भारतीय जनता पार्टी तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। बीजेपी के दक्षिण में विस्तार के लिए चुने गए चेहरों में एल. मुरुगन भी शामिल हैं। बीजेपी उनके माध्यम से दक्षिण में अपना वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश कर रही है। एल. मुरुगन राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
29 मई 1977 को तमिलनाडु के नमक्कल जिले के पारामती में जन्मे मुरुगन ने मद्रास विश्वविद्यालय से कानून में परास्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने 15 साल तक वकालत की और मद्रास उच्च न्यायालय के बेहद सफल वकील रहे। केंद्र में मंत्री बनने के पूर्व तक मुरुगन वकालत कर रहे थे।
परिवार को बेहद सादगी पसंद
एल. मुरुगन और उनका परिवार बेहद सादगी पसंद है। मुरुगन के मां—पिता ने अपने परिवार को पालने के लिए मजदूरी की। यहां तक कि बेटे के मंत्री बन जाने के बाद भी मां-पिता मजदूरी करते रहे। उनका घर भी कच्चा है, जिसकी छत एसबेस्टस की है। पहली बार जब एल. मुरुगन मंत्री बने तो अपने माता-पिता वारुदम्मल और लोगननाथन को दिल्ली ले गए। मां पिता का वहां मन ही नहीं लगा। वे अपने मंत्री बेटे का बंगला छोड़कर दोबारा गांव के कच्चे घर में आकर रहने लगे थे। एल. मुरुगन ने सन 2011 में तमिलनाडु की राशिपुरम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए थे। एल. मुरुगन को कई भाषाओं का ज्ञान है, वे अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु के साथ धाराप्रवाह हिंदी भी बोलते हैं।
एल. मुरुगन बने राज्यमंत्री, नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट, कौन हैं एल. मुरुगन