कृष्ण के साले लगते हैं शिव, अनिरुद्धाचार्य के बयान पर मथुरा के संत हुए आग बबूला

कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने भगवान शिव और भगवान कृष्ण को लेकर विवादित बयान दिया, जिससे देशभर के संत नाराज हो गए हैं। इसके बाद अनिरुद्धाचार्य ने सभी संतों से माफी मांगी है।

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Amresh Kushwaha
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अनिरुद्धाचार्य से संत समाज नाराज!
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वृंदावन के गौरी गोपाल आश्रम के पीठाधीश्वर और प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने हाल ही में भगवान शिव और भगवान कृष्ण को लेकर एक ऐसा बयान दे डाला, जिससे देशभर के संत आग बबूला हो गए। विवाद इतना बढ़ गया कि कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने विवादास्पद बयान के लिए माफी मांगते हुए कहा कि अगर संतों का दिल दुखा हो तो श्रीचरणों में सिर रखकर माफी मांगता हूं।

भगवान शिव हैं श्रीकृष्ण के साले...

दरअसल, अपने वैदिक ज्ञान और कथा वाचन के अनूठे अंदाज के लिए चर्चा में रहने वाले आचार्य इन दिनों सोशल मीडिया पर अपने एक बयान की वजह से जमकर वायरल हो रहे हैं। कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने कथा के दौरान कहा कि भगवान शिव, कृष्ण के साले लगते हैं। अनिरुद्धाचार्य ने उज्जैन को श्रीकृष्ण का ससुराल बताया और कहा कि ऐसे में शिव उनके साले हुए। 

 

इस पर मथुरा के संत समुदाय ने कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के बयान की निंदा की है। संतों का कहना है कि सनातन धर्म में ऐसा कोई संदर्भ नहीं मिलता है।

मथुरा के संतों ने किया विरोध

मथुरा में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के विवादित बयान के खिलाफ संतों ने विरोध किया और डीएम ऑफिस में ज्ञापन दिया। महंत प्रवेशानंद पुरी ने कहा कि अनिरुद्धाचार्य को शास्त्रों का ज्ञान नहीं है और उनके प्रवचन बंद कराए जाने चाहिए।

अनिरुद्धाचार्य ने मांगी माफी

कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने संतों के विरोध के बाद माफी मांगी और कहा कि अगर उनके बयान से किसी को दुख पहुंचा है तो वे क्षमा चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान शिव के बारे में कुछ गलत कहने का उनका कोई इरादा नहीं था और अगर किसी को लगा है कि उन्होंने भगवान शिव का अपमान किया है तो मेरी जीभ गल जाए। उन्होंने संतों से क्षमा करने की अपील की।

कौन हैं अनिरुद्ध आचार्य ?

अनिरुद्ध आचार्य एक प्रसिद्ध भारतीय धर्मगुरु और भजन गायक हैं, जिन्हें उनकी भक्तिमय संगीत प्रस्तुतियों और धार्मिक प्रवचनों के लिए जाना जाता है। उनके भजन और कथा वाचन ने उन्हें हिंदू धर्म के अनुयायियों के बीच एक खास पहचान दिलाई है। अनिरुद्ध आचार्य विशेष रूप से श्रीकृष्ण भक्ति और भागवत कथा के प्रवचन के लिए लोकप्रिय हैं। वे अनेक धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।

उनका गहन ज्ञान और सरल शब्दों में धर्म की व्याख्या करने की शैली ने उन्हें बहुत से भक्तों के बीच प्रतिष्ठित किया है। उनका उद्देश्य समाज में आध्यात्मिक जागरूकता और नैतिक मूल्यों का प्रसार करना है।

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