उत्तर प्रदेश विधानसभा में नया कानून पास हो गया है। इस नए कानून में लव जिहाद करने वाले दोषी को उम्रकैद होगी। यह बिल मंगलवार को विधानसभा सदन में पास हो गया है। योगी सरकार ने विधानसभा में यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक सोमवार को पेश किया। जो आज पास कर दिया गया। इसमें ‘लव जिहाद’ जैसे अपराधों के मामले में सजा को पहले से ज्यादा सख्त कर दिया है। लव जिहाद में आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।
2017 के विधानसभा चुनाव में योगी सरकार ने बनाया था मुद्दा
लव जिहाद को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार लगातार सख्त तेवर में ही नजर आई है। क्योंकि इसकी आड़ में चल रहे धर्म परिवर्तन पर भी रोक लगाने के लिये कई प्रयास किये गए हैं। ‘लव जिहाद’ को लेकर 2017 के विधानसभा चुनाव में योगी सरकार ने मुद्दा बनाया था। इसके बाद लगातार इस मामले में सरकार ने सख्त कानून बनाने की कोशिश की और इसके प्रावधानों को कड़ा बनाया है। अब जो बिल पास हुआ है उसके अनुसार लव जिहाद मामले में पीड़ित के इलाज के खर्च के बदले कोर्ट जुर्माना तय कर सकेगी।
अब कोई भी लिखित सूचना पुलिस को दे सकता है
इस बिल के पहले योगी सरकार ने बताया था कि अपराध की संवेदनशीलता, महिलाओं की सामाजिक स्थिति, दलित- पिछड़े समुदाय से होने के आधार पर सजा तय की जाएगी। नए बिल में अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए भी सजा और जुर्माने को बढ़ाया गया है। इससे पहले लव जिहाद की सूचना या शिकायत देने के लिए पीड़ित व्यक्ति, उसके माता-पिता, भाई-बहन का होना जरूरी था, लेकिन अब दायरा बढ़ा दिया गया है। अब इसकी सूचना लिखित तौर पर कोई भी पुलिस को दे सकता है। सूचना मिलने पर जांच होगी। गौरतलब है कि अब तक ऐसा कोई भी कानून देश भर में लागू नहीं हुआ है। जिसमें लव जिहाद से संबंधित मामलों में सजा का प्रावधान हो। ऐसे में लव जिहाद के खिलाफ उम्रकैद का प्रावधान सिर्फ उत्तर प्रदेश में हुआ है। इसे लेकर संत समाज की प्रतिक्रिया भी सामने आई है, संतों ने इस कानून का स्वागत करते हुए योगी सरकार की तारीफ की है।
'लव जिहाद रोकथाम' बिल के दायरे में ये अपराध भी
उत्तर प्रदेश में लागू किए गए इस बिल में कई बातों को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा गया है। इसमें यदि कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन कराने की मंशा से किसी व्यक्ति को धमकाता है या हमला करता है, तो इसे गंभीर अपराध माना जाएगा। इसके अलावा शादी करने या शादी का झांसा देकर षड्यंत्र करके मतांतरण को भी गंभीर अपराध माना जाएगा। नाबालिग, महिला या किसी व्यक्ति की तस्करी को भी गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा गया है।