महाकुंभ के दौरान किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी पर हमला हुआ है। हिमांगी सखी ने इस हमले का आरोप किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और उनके साथियों पर लगाया है।
यह घटना तब हुई जब हिमांगी सखी ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने का विरोध कर रही थीं। त्रिपाठी ने हमले के आरोपों को खारिज किया है, लेकिन हिमांगी सखी ने घटना के सीसीटीवी फुटेज होने का दावा किया है। घटना के दौरान हिमांगी सखी और उनके शिविर पर लाठी-डंडे व हथियारों से हमला किया गया।
घटना महाकुंभ में सेक्टर-8 के कैंप में हुई
महाकुंभ में शनिवार रात किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी पर जानलेवा हमला किया गया। यह घटना सेक्टर-8 के कैंप में हुई। हिमांगी सखी का आरोप है कि किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और उनके साथ 50-60 लोग हथियारों के साथ उनके शिविर में घुस आए। इन लोगों ने लाठी, तलवार, फरसा, त्रिशूल और अन्य हथियारों से उन पर हमला किया।
हमलावरों ने 10 लाख रुपये और सोने के आभूषण लूटे
हिमांगी सखी ने कहा कि इन लोगों ने उनके सेवादारों को धमकाया और जान से मारने की नीयत से उन पर हमला किया। हमलावरों ने करीब 10 लाख रुपये और सोने के आभूषण लूट लिए। जाते-जाते लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और उनके साथियों ने उन्हें मीडिया में बयानबाजी बंद करने की धमकी दी। इस हमले की फुटेज सीसीटीवी में दर्ज है।
त्रिपाठी ने हमले के आरोपों को किया खारिज
लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने हमले के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे केवल अंदरूनी विवाद सुलझाने गए थे। उन्होंने बताया कि उनके साथ कौशल्या नंद गिरि और कल्याणी नंद गिरि भी थीं।
हमले के पीछे विरोध की वजह
हिमांगी सखी ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने का विरोध किया था। उनका कहना था कि किन्नर अखाड़ा केवल किन्नरों के लिए है। किसी महिला को महामंडलेश्वर क्यों बनाया गया, खासतौर पर जब उस महिला के अंडरवर्ल्ड से जुड़े होने के आरोप लग चुके हैं।
कौन हैं हिमांगी मां उर्फ हिमांगी सखी
महामंडलेश्वर हिमांगी सखी मुंबई की रहने वाली हैं। माता-पिता के निधन और बहन की शादी के बाद वे वृंदावन चली गईं। गुरु की शरण में शास्त्रों का अध्ययन किया। फिर धर्म का प्रचार करने मुंबई चली गईं। मुंबई में उन्होंने फिल्मों में भी अभिनय किया, लेकिन धर्म में ही मन रमा रहा।
2019 में महामंडलेश्वर की मिली उपाधि
2019 में प्रयागराज में हुए कुंभ में हिमांगी सखी को महामंडलेश्वर की उपाधि पशुपतिनाथ पीठ अखाड़े से मिली, यह अखाड़ा नेपाल में है। नेपाल के गोदावरी धाम स्थित आदि शंकर कैलाश पीठ के आचार्य महामंडलेश्वर गौरीशंकर महाराज ने उन्हें पशुपतिनाथ पीठ की महामंडलेश्वर की उपाधि दी। महामंडलेश्वर हिमांगी सखी बैंकॉक, सिंगापुर, मॉरीशस, मुंबई, पटना आदि जगहों पर 50 से अधिक भागवत कथाएं कर चुकी हैं।
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