खड़गे ने किया 39 मेंबर्स की CWC का ऐलान, कांग्रेस की सर्वोच्च कमेटी में राजस्थान से सचिन पायलट और जितेंद्र सिंह को जगह

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Vikram Jain
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खड़गे ने किया 39 मेंबर्स की CWC का ऐलान, कांग्रेस की सर्वोच्च कमेटी में राजस्थान से सचिन पायलट और जितेंद्र सिंह को जगह

JAIPUR. लंबे इंतजार के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों के नामों का ऐलान कर दिया है। नई वर्किंग कमेटी में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कुल 39 सदस्यों को शामिल किया गया है। खड़गे ने मनमोहन सिंह, अधीर रंजन चौधरी और पी चिदंबरम को CWC में जगह दी है। खड़गे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले शशि थरूर को भी इस कमेटी में जगह दी है। इसके अलावा 32 स्थाई आमंत्रित सदस्य, 9 विशेष आमंत्रित सदस्य, यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई, महिला कांग्रेस और सेवा दल के अध्यक्षों को भी जगह दी गई है।





सचिन पायलट कमेटी में शामिल, अशोक गहलोत को स्थान नहीं





CWC में राजस्थान से बड़ा फेरबदल किया गया है। राजस्थान से पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित 7 नेताओं को इसमें जगह मिली है। कमेटी में जितेंद्र सिंह को भी शामिल किया गया है, वहीं दो बार से कार्यसमिति के सदस्य रहे आदिवासी नेता रघुवीर मीणा को हटा दिया गया है। उनके स्थान पर राजस्थान के जल संसाधन मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय को शामिल किया गया है। CWC में अशोक गहलोत को स्थान नहीं दिया गया है।





MP से दिग्विजय सिंह और CG से ताम्रध्वज साहू बनाए गए मेंबर





हरीश चौधरी को पंजाब प्रभारी के रूप में और राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है। मप्र से दिग्विजय सिंह और छत्तीसगढ़ से ताम्रध्वज साहू मेंबर बनाए गए हैं। MP में दिग्विजय सिंह के अलावा कमलेश्वर सिंह महासचिव और मीनाक्षी नटराजन स्थाई आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं।





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राजस्थान से इन्हे मिला समिति में स्थान





राजस्थान से कार्यसमिति में शामिल अन्य सदस्यों की बात करें तो अलवर के भंवर जितेंद्र सिंह पहले भी कार्यसमिति में थे। इस बार उन्हें फिर से शामिल किया गया है। इनके अलावा अभिषेक मनु सिंघवी को भी सदस्य बनाया गया है। पंजाब के प्रभारी के रूप में पूर्व मंत्री हरीश चौधरी भी कार्यसमिति के सदस्य हैं। इस तरह राजस्थान से पांच नेता कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य हैं। वहीं स्थाई आमंत्रित सदस्य के रूप में मोहन प्रकाश और विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में पवन खेड़ा भी राजस्थान से माने जा सकते हैं, क्योंकि मोहन प्रकाश धौलपुर से जुड़े हैं,  वहीं पवन खेड़ा उदयपुर के रहने वाले हैं। हालांकि दोनों ही राजस्थान की राजनीति से सीधे तौर पर जुड़े हुए नहीं हैं। इधर, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने CWC मेंबर बनाए जाने पर कांग्रेस आलाकमान का आभार जताया है।







— Sachin Pilot (@SachinPilot) August 20, 2023





क्या यही था सचिन- गहलोत की सुलह का फार्मूला?





कुछ समय पहले तक राजस्थान में असंतुष्ट धड़े का नेतृत्व कर रहे सचिन पायलट के कांग्रेस कार्यसमिति में जाने को राजस्थान की राजनीति की दृष्टि से अहम माना जा रहा है। हालांकि पार्टी का एक धड़ा यह मान रहा है कि पार्टी चुनाव से पहले उन्हें एक बार राष्ट्रीय राजनीति में ले गई है, लेकिन पिछली दिनों सचिन को दी गई जिम्मेदारियां यह भी बता रही हैं कि राजस्थान के चुनाव में विशेषकर टिकट वितरण में उनका दखल बना रहेगा। बल्कि चर्चा तो यह भी है कि सुलह के वक्त जिस फार्मूले की बात की गई थी, उसी के तहत यह जिम्मेदरियां दी जा रही है।





टिकट वितरण प्रक्रिया में शामिल रहेंगे सचिन





दरअसल, मई अंत में दिल्ली में हुई बैठक में जब सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच सुलह कराई गई थी तब सुलह के एक फार्मूले की बात सामने आई थी हालांकि उस समय यह फार्मूला उजागर नहीं किया गया था, लेकिन अब सचिन पायलट को अलग- अलग जिम्मेदारियां दी जा रही है। वे कांग्रेस की प्रदेश चुनाव समिति और स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य बनाए जा चुके हैं और अब उन्हें कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य बनाया गया है। इस तरह राजस्थान में टिकट वितरण से जुड़ी हर प्रक्रिया में वे शामिल रहेंगे। अब लोगों का इंतजार कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति का है।





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सचिन पायलट के पास जुलाई 2020 से नहीं था कोई पद





जुलाई 2020 में राज्य सरकार के खिलाफ बगावत के बाद से सचिन पायलट के पास कोई पद नहीं था। वे उस समय प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिए गए थे और इसके बाद से संगठन या सरकार में उनके पास कोई जिम्मेदारी नहीं थी। इस बीच उनके बगावती तेवर कायम थे। अब जब उन्होंने सुलह कर ली है तो वे पार्टी की सबसे प्रमुख समिति में शामिल कर लिए गए हैं।





गुर्जर समुदाय को संदेश देना भी जरूरी था





सचिन पायलट के साथ हुए व्यवहार के बाद से पिछले चुनाव में कांग्रेस के लिए एकमुश्त वोट डालने वाला राजस्थान का गुर्जर समुदाय कांग्रेस से छिटक रहा था। जयपुर में शनिवार को ही बीजेपी ने गुर्जर प्रतिनिधियों का एक सम्मेलन बुला कर यह संदेश देना था कि इस बार गुर्जर समुदाय कांग्रेस के साथ नहीं जाएगा। ऐसे में गुर्जर समुदाय के बीच संदेश देने के लिए भी यह नियुक्ति जरूरी थी। हालांकि इसका कितना फर्क पड़ेगा यह समय बताएगा।





मीणा की जगए आए मालवीय





कार्यसमिति में राजस्थान से आदिवासी नेता के रूप में रघुवीर मीणा थे। वे लगातार दो बार से इसके सदस्य बने हुए थे। इस बार उन्हे हटा कर राजस्थान के कैबिनेट मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय को सदस्य बनाया गया है। मालवीय उन नेताओं में है, जो पिछली बार कांग्रेस की जबर्दस्त हार के बावजूद अपने क्षेत्र बागीदोरा से विधानसभा में पहुंचे थे। आदिवासी क्षेत्र पर उनकी गहरी पकड़ है। हाल में मानगढ़ धाम में राहुल गांधी की सफल रैली में उनकी अहम भूमिका रही थी। वहीं हरीश चौधरी पंजाब कांग्रेस के प्रभारी के नाते कार्यसमिति में है। इसमें रघु शर्मा भी होते, क्योंकि वे गुजरात के प्रभारी थे, लेकिन कुछ समय पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया था जो दो-तीन दिन पहले ही स्वीकार किया गया है।





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कांग्रेस कार्यसमिति पार्टी के कार्य





कांग्रेस कार्यसमिति पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक समिति है। पार्टी जितने भी फैसले लेती है, उसमें सीडब्लूसी की अहम भूमिका होती है। सभी फैसले इसी बॉडी में निर्धारित किए जाते हैं। फिर चाहे चुनाव के दौरान किसी भी उम्मीदवारों को टिकट देने का फैसला हो, या फिर किसी दूसरी पार्टी से गठबंधन बनाने का निर्णय हो, सीडब्लूसी की उसमें बड़ी भूमिका होती है। लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था कि खड़गे अपनी टीम का ऐलान करेंगे।



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