केंद्र सरकार ने मानी जैन समुदाय की मांग, इको टूरिज्म एक्टिविटी पर रोक लगाने के झारखंड सरकार को दिए निर्देश

author-image
The Sootr
एडिट
New Update
केंद्र सरकार ने मानी जैन समुदाय की मांग, इको टूरिज्म एक्टिविटी पर रोक लगाने के झारखंड सरकार को दिए निर्देश

NEW DELHI. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने 5 जनवरी को सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने झारखंड राज्य सरकार को जैन समुदाय के तीर्थस्थल सम्मेद शिखर को पर्यटन और इको टूरिज्म एक्टिविटी पर रोक लगाने का निर्देश जारी किए हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में सभी पर्यटन और इको टूरिज्म एक्टिविटी पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। 



भूपेंद्र यादव ने जैन समाज के प्रतिनिधियों के साथ की बैठक 



दिल्ली में भूपेंद्र यादव ने जैन समाज के प्रतिनिधियों और अन्य समाजजनों के साथ बैठक की थी। इसके बाद यादव ने कहा- झारखंड के पारसनाथ पहाड़ पर स्थित जैनियों के पवित्र तीर्थस्थल सम्मेद शिखर की पवित्रता की रक्षा का आग्रह करने वाले जैन समुदाय के लोगों से मिला। उन्हें आश्वासन दिया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  की सरकार सम्मेद शिखर सहित जैन समाज के सभी धार्मिक स्थलों पर उनके अधिकारों की रक्षा और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।



केंद्र के बाद झारखंड सरकार ने की थी घोषणा 



2019 में केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखर को इको सेंसिटिव जोन घोषित किया था। इसके बाद झारखंड सरकार ने एक संकल्प जारी कर जिला प्रशासन की अनुशंसा पर इसे पर्यटन स्थल घोषित किया। गिरिडीह जिला प्रशासन ने नागरिक सुविधाएं डेवलप करने के लिए 250 पन्नों का मास्टर प्लान भी बनाया है।



आखिर क्यों अहम है सम्मेद शिखर जी ?



1. जैन धर्म की तीर्थस्थल सम्मेद शिखरजी झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ पहाड़ी पर है, इस पहाड़ी का नाम जैनों के 23वें तीर्थांकर पारसनाथ के नाम पर पड़ा है।



2. झारखंड की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित है, माना जाता है कि जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थांकरों ने यहीं निर्वाण लिया था। इसलिए ये जैनों के सबसे पवित्र स्थल में से है।



3.इस पहाड़ी पर टोक बने हुए हैं, जहां तीर्थांकरों के चरण मौजूद हैं, माना जाता है कि यहां कुछ मंदिर दो हजार साल से भी ज्यादा पुराने हैं।



4. जैन धर्म को मानने वाले लोग हर साल सम्मेद शिखरजी की यात्रा करते हैं, लगभग 27 किलोमीटर लंबी ये यात्रा पैदल ही पूरी करनी होती है। मान्यता है कि जीवन में कम से कम एक बार यहां की यात्रा करनी चाहिए।



सम्मेद शिखरजी को लेकर विवाद क्यों?



1. अगस्त 2019 में केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय ने सम्मेद शिखर और पारसनाथ पहाड़ी को इको सेंसेटिव जोन घोषित किया था।



2. बाद में झारखंड सरकार ने इसे पर्यटन स्थल घोषित किया, अब इस तीर्थस्थल को पर्यटन के हिसाब से तब्दील किया जाना है।



3. इस बात पर जैन समाज को आपत्ति है, उनका कहना है कि ये पवित्र धर्मस्थल है और पर्यटकों के आने से ये पवित्र नहीं रहेगा।



4. जैन समाज को डर है कि इसे पर्यटन स्थल बनाने से यहां असामाजिक तत्व भी आएंगे और यहां शराब और मांस का सेवन भी किया जा सकता है।



5. जैन समाज की मांग है कि इस जगह को इको टूरिज्म घोषित नहीं करना चाहिए, बल्कि इसे पवित्र स्थल घोषित किया जाए ताकि इसकी पवित्रता बनी रहे।


Sammed peak सम्मेद शिखर Environment Ministry order to state government Tourism on Sammed peak Tourism activity should be banned on Sammed peak पर्यावरण मंत्रालय के राज्य सरकार को आदेश सम्मेद शिखर पर पर्यटन सम्मेद शिखर पर टूरिज्म एक्टिविटी पर रोक लगे