केंद्र की एनडीए सरकार ( NDA government ) अपने इसी कार्यकाल के दौरान ही 'एक राष्ट्र एक चुनाव' ( One Nation One Election ) पर विधेयक लाएगी। बताया जा रहा है कि NDA में शामिल सभी राजनीतिक दलों, विशेष रूप से केंद्र सरकार में शामिल सहयोगियों द्वारा इस बिल का समर्थन करने की उम्मीद है। आपको बताते चलें कि लोकसभा ( Lok Sabha ) और राज्य विधानसभाओं ( state Assemblies) के लिए एक साथ चुनाव कराने की अवधारणा को एक राष्ट्र, एक चुनाव का नाम दिया गया है। इतना ही नहीं चुनाव को दो स्टेप में कराने की चर्चा चल रही है। मिली जानकारी के मुताबिक पहले स्टेप में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभाओं के चुनाव और दूसरे स्टेप में नगर निगम और पंचायतों के चुनाव के कराने पर विचार विमर्श तेजी से हो रहा है।
इतने दलों का मिल रहा समर्थन
बताया जा रहा है कि उच्च स्तरीय समिति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ( High Level Committee President Draupadi Murmu ) को इस मुद्दे पर 18 हजार 626 पन्नों की अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंप चुकी है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ( Former President Ramnath Kovind ) की अध्यक्षता वाली इस समिति ने राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र की विभिन्न हस्तियों से उनके दृष्टिकोण जानने के लिए व्यापक परामर्श किया था। रिपोर्ट के अनुसार 32 राजनीतिक दलों ने एक राष्ट्र एक चुनाव का समर्थन किया। इसके अलावा, समाचार पत्रों में प्रकाशित एक सार्वजनिक नोटिस ( public notice ) में नागरिकों से 21 हजार 5 सौ 58 प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं इनमें 80 प्रतिशत लोग वन नेशन वन इलेक्शन के पक्ष में हैं।
दो स्टेप में चुनाव कराने पर चर्चा
सभी की राय जानने के बाद समिति ने एक साथ चुनाव कराने के लिए दो स्टेप में चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा। पहले चरण में, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। दूसरे चरण में, नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव 100 दिन की समय-सीमा के भीतर कराए जा सकते है।
पीएम मोदी कर चुके हैं घोषणा
एनडीए में शामिल सभी राजनीतिक दलों ( political parties ) से यह उम्मीद है कि वे इस बिल का समर्थन करेंगे। पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने से ठीक पहले यह खबर आई है। एक राष्ट्र एक चुनाव बीजेपी को लोकसभा चुनाव घोषणापत्र ( Lok Sabha election manifesto ) के प्रमुख वादों में से एक रहा है। इस साल 15 अगस्त को लाल किले से अपने भाषण में भी पीएम मोदी ( PM Modi ) ने सभी राजनीतिक दलों से एक साथ आने का अनुरोध किया था।
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