1 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की पहली बैठक में किसानों के लिए बड़े फैसले लिए गए। डीएपी उर्वरक पर सब्सिडी बढ़ाने और फसल बीमा योजना को सरल बनाने जैसे प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। माना जा रहा है कि ये फैसले किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने और उनकी उत्पादन लागत को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
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डीएपी उर्वरक पर सब्सिडी में बढ़ोतरी
डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) उर्वरक बनाने वाली कंपनियों के लिए सरकार ने विशेष पैकेज का ऐलान किया है। इस पैकेज के तहत डीएपी कंपनियों को अतिरिक्त सब्सिडी के साथ वित्तीय सहायता दी जाएगी। इससे किसानों को उर्वरकों की बढ़ती कीमतों से राहत मिलेगी और उनकी खेती की लागत में कमी आएगी।
फसल बीमा योजना में सुधार
सरकार ने किसानों के लिए फसल बीमा योजना को और अधिक सुलभ बनाने का फैसला लिया है। योजना के तहत प्रीमियम दरों को कम किया जाएगा और प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। यह कदम छोटे और मझोले किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि इससे उन्हें सस्ते दरों पर बीमा कवर मिलेगा और प्राकृतिक आपदाओं के नुकसान से बचाव होगा।
डीएपी उर्वरक: खेती के लिए आवश्यक पोषण का स्रोत
डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) एक ऐसा उर्वरक है जो फसल और पौधों को फास्फोरस और नाइट्रोजन प्रदान करता है। यह पानी में घुलने वाला फर्टिलाइजर है, जो खेती में व्यापक रूप से इस्तेमाल होता है। भारत में डीएपी की भारी मांग को पूरा करने के लिए इसे आयात भी किया जाता है।
किसानों के लिए राहत की उम्मीद
मामा जा रहा है कि सरकार के ये फैसले न केवल किसानों की लागत कम करेंगे, बल्कि उन्हें उत्पादन बढ़ाने और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने में मदद करेंगे। यह पहल खेती को अधिक टिकाऊ और किसानों के लिए अधिक लाभकारी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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