NEW DELHI. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) ने रविवार को राजधानी दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में स्थित सुषमा स्वराज भवन में अपनी कैबिनेट में शामिल मंत्रियों के साथ 11:30 घंटे की मैराथन बैठक की। यह बैठक सुबह 10 बजे शुरू होकर रात 9:30 तक चली। मोदी ने बैठक में मंत्रियों को विवादित बयानबाजी से बचने और ज्यादा बोलने से परहेज करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि जब भी बोलें, सोच समझकर बोलें। पीएम ने अपनी कैबिनेट के सदस्यों को डीप फेक से सतर्क रहने के लिए कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि बोलना है तो सरकार की योजनाओं पर बोलें। यह मोदी कैबिनेट की आाखिरी मीटिंग थी। बैठक में पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव के पहले एक ही सीधा संदेश दिया- जाइए, जीतकर आइए। हम जल्दी मिलेंगे। ये मीटिंग एक तरह से ब्रेनस्टॉर्मिंग सेशन की तरह बताई जा रही है।
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बैठक में 100 दिन की प्लानिंग पर हुई चर्चा
बैठक में अगले 5 साल की योजनाओं, विजन डॉक्यूमेंट विकसित भारत 2047 और मोदी के तीसरे कार्यकाल के दौरान पहले 100 दिन की प्लानिंग पर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से कहा कि लोगों से मिलते वक्त ( खासकर चुनाव के दौरान ) सावधानी बरतें। करीब एक घंटे के भाषण में मोदी ने मंत्रियों को विवादों से दूर रहने और डीपफेक से भी सावधान रहने को कहा।
मंत्री लोगों के बीच जाकर विकास और कल्याण के कदमों को बताएं
मोदी ने मंत्रियों से ये भी कहा कि वे चुनाव प्रचार के दौरान लोगों के बीच जाएं और सरकार द्वारा विकास और लोगों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों को बताएं। PM मोदी सरकार की नीतियों पर चर्चा करने के लिए समय-समय पर कैबिनेट की बैठकें करते रहे हैं, लेकिन रविवार (3 मार्च) को आयोजित बैठक अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण है। चुनाव आयोग अगले 15 दिनों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है।
क्या है विकसित भारत ?
- सूत्रों के मुताबिक, विकसित भारत एक कॉम्प्रिहेंसिव ब्लूप्रिंट है, जिसमें राष्ट्रीय सोच ( नेशनल विजन ), उम्मीदों ( एस्पिरेशंस ), लक्ष्य ( गोल ) और क्या करेंगे ( एक्शन पॉइंट्स ) को शामिल किया गया है।
- एक अफसर ने बताया कि विकसित भारत के रोडमैप के लिए कई स्तरों पर 2700 मीटिंग, वर्कशॉप और सेमिनार हुए। साथ ही इसके लिए 20 लाख युवाओं ने सुझाव दिए।
- विकसित भारत का रोडमैप दो साल से अधिक की गहन तैयारी का परिणाम है और इसे सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों, शिक्षाविदों, उद्योग निकायों, नागरिक समाज, वैज्ञानिक के साथ परामर्श करके तैयार किया गया है।