NEW DELHI. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जून को दूसरी बार अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के ज्वाइंट सेशन को संबोधित करेंगे। ऐसा करने वाले वे देश के पहले प्रधानमंत्री होंगे। दरअसल, अमेरिकी संसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्वाइंट सेशन को संबोधित करने के लिए निमंत्रण दिया गया है। मंगलवार (6 जून) को मोदी ने ट्वीट कर खुशी जताई और लिखा कि मुझे निमंत्रण देने के लिए धन्यवाद। मैं इसे स्वीकार कर सम्मानित महसूस कर रहा हूं और एक बार फिर कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के लिए उत्सुक हूं। उन्होंने आगे लिखा कि भारत को अमेरिका के साथ अपनी व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी पर गर्व है।
व्हाइट हाउस का बयान, भारत-अमेरिका के रिश्ते होंगे मजबूत
व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा था कि मोदी के इस दौरे से भारत और अमेरिका के रिश्ते मजबूत होंगे। दोनों देश स्ट्रैटेजिक पार्टनर हैं और हमें उम्मीद है कि दुनिया के दो महान लोकतंत्र एक नए युग की शुरुआत करेंगे। मालूम हो कि मोदी ने 8 जून 2016 को अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया था। उनके अलावा इजरायल के प्रधानमंत्री अमेरिकी संसद को तीन बार संबोधित कर चुके हैं।
हिंद महासागर पर फोकस
बयान में कहा गया था कि मोदी के इस दौरे से हिंद महासागर में सुरक्षा के लिहाज से एक नई शुरुआत होगी। इस दौरे पर टेक्नोलॉजी और डिफेंस से जुड़ी बेहद अहम बातचीत हो सकती है। अमेरिका चाहता है कि शिक्षा और बदले पर्यावरण जैसे अहम अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर भी दोनों देश मिलकर काम करें। हर इंसान तक संपर्क भी बढ़ाया जाना चाहिए। इसके लिए भी योजना तैयार की जा रही है।
यूएन मुख्यालय में विश्व योग दिवस कार्यक्रम
न्यूयॉर्क में मोदी यूएन मुख्यालय में विश्व योग दिवस के कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद शिकागो में भारतीय समुदाय के साथ कम्युनिटी कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। इससे पहले मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन मई में ऑस्ट्रेलिया में होने वाली क्वाड मीटिंग में भी मिले थे। क्वाड देशों की इस बैठक में जापान और ऑस्ट्रेलियाई लीडर्स भी मौजूद रहे थे
अब तक पांच बार मिल चुके हैं मोदी-बाइडेन
- पहली मुलाकात : सितंबर 2021 में अमेरिका में हुई थी। तब दोनों नेताओं ने व्हाइट हाउस में करीब 90 मिनट तक बातचीत की थी।