मानसून 5 दिन लेट, और हो सकती है देरी, एक्सपर्ट बोले- मानसून देरी का मतलब वर्षा कम होना नहीं, सामान्य होगी बारिश

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BP Shrivastava
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मानसून 5 दिन लेट, और हो सकती है देरी, एक्सपर्ट बोले- मानसून देरी का मतलब वर्षा कम होना नहीं, सामान्य होगी बारिश

BHOPAL. इस साल मानसून देरी से आने वाला है। आम तौर पर 1 जून को केरल में मानसून का आगाज हो जाता है, लेकिन इस बार मानसून 5 दिन से केरल के तट से 400 किमी दूर अटक गया है। इसमें और देरी हो सकती है। इसका कतई यह आशय नहीं है कि  इस बार बारिश कम होगी। एक्सपर्ट बताते हैं कि इस साल मानसूनी बारिश सामान्य रहेगी।





6 बार 1 जून को केरल में दस्तक दी मानसून ने





भारतीय मौसम विभाग (IMD) के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. राजेंद्र कुमार जेनामनी बताते हैं कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में अब तक सिर्फ 6 बार ऐसा हुआ है, जब मानसून ने अपनी सामान्य तय तारीख यानी 1 जून को केरल में दस्तक दी। 11 बार ऐसा हुआ, जब मानसून 25 मई से पहले ही पहुंच गया। 11 बार मानसून 7 जून के बाद आया। उन्होंने बताया कि जिन 8 वर्षों में सामान्य से 10 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है, उनमें 1983 भी शामिल है जब मानसून 13 जून को आया था। इसी तरह जिन 14 वर्षों में सूखा पड़ा था, उनमें से 9 बार मानसून 1 जून से पहले ही आ चुका था। इसलिए, हम कह सकते हैं कि मानसून का देरी से आना कोई खास समस्या नहीं है।





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समुद्री हवाओं के कारण केरल में फिलहाल बारिश जारी





अरब सागर में उठी हवाएं 24 घंटे के अंदर ही तूफान में बदल गईं। यह तूफान मानसून को कितना प्रभावित करेगा, यह सबकुछ उसकी गति और दिशा के आधार पर बुधवार (7 जून) शाम तक स्पष्ट हो पाएगा। मानसून अटका हुआ है। लेकिन, हवाओं की मोटाई समुद्री सतह से साढ़े चार किमी ऊंचाई तक पहुंच चुकी हैं। इस वजह से केरल में बारिश जारी है। मानसून पहले ही 5 दिन लेट हो चुका है। इसमें और देरी संभव है।





राजस्थान में रेतीले तूफान की दस्तक





राजस्थान के कई जिलों में मंगलवार (6 जून) को रेतीले तूफान ने दस्तक दी। बीकानेर में तो इसकी रफ्तार 100 से 110 किमी/घंटा के बीच थी। यही वजह थी कि पाकिस्तान से उठा रेतीला तूफान मात्र 5.15 घंटे में बीकानेर से 600 किमी दूर बाड़मेर पहुंच गया। शाम होते-होते नागौर, दौसा और जयपुर समेत ज्यादातर शहरों में धूलभरा तूफान आया। मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर में फिलहाल एक चक्रवात सक्रिय है। राजस्थान में इसका असर कम रहेगा। पश्चिमी जिलों में बारिश होने के साथ तेज हवा चल सकती है। एक-दो दिन में अधिकतम तापमान 2 डिग्री सेल्सियस बढ़ सकता है।





भोपाल में पिछले 98 में से 49 दिन बारिश या बूंदाबांदी





भोपाल में गर्मी के 98 दिन पूरे हो चुके हैं। इन 98 दिनों में से 49 दिन कभी बारिश तो कभी बूंदाबांदी हुई। इस दौरान ज्यादातर दिन बादल छाए रहे और तेज हवा भी चली। 98 दिनों में एक भी दिन लू नहीं चली। फिलहाल एक हफ्ते से भोपाल में तेज गर्मी पड़ रही है। सीजन की शुरुआत मार्च में तो तेज गर्मी से हुई थी, लेकिन तीन-चार दिन बाद ही गर्मी रफूचक्कर हो गई। तापमान सामान्य से 3-4 डिग्री तक कम रहा। अप्रैल और मई में तो दो-तीन बार दिन का तापमान सामान्य से 7 से 9 डिग्री तक कम हो गया था। मई में सिर्फ दो दिन ही पारा 43 डिग्री तक पहुंच सका।





20 साल में अप्रैल दूसरी बार सबसे ठंडा रहा





भोपाल में मार्च में 15 दिन बारिश हुई। यह 20 साल में सबसे ज्यादा है। वहीं, 20 साल में अप्रैल दूसरी बार सबसे ठंडा रहा। मौसम विशेषज्ञ ने बताया कि राजस्थान और गुजरात ज्यादा नहीं तपे इसलिए वहां से गर्म हवा नहीं आ सकी। मौसमी सिस्टम से शहर में गरज चमक वाले बादल बने।



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