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New Delhi. संसद में आज से मानसून सत्र की शुरुआत होने जा रही है। कल शाम बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने मणिपुर की स्थिति पर पीएम मोदी के बयान की मांग की है। इसके अलावा ओडिशा ट्रेन हादसे, भारत-चीन सीमा के हालात, संघीय ढांचे पर प्रहार समेत महंगाई के मुद्दों पर संसद में चर्चा कराने की बात रखी है। इसके अलावा महिला आरक्षण विधेयक पर भी विपक्ष मुखर हुआ है। दूसरी तरफ सरकार ने विपक्षी दलों से सदन की कार्यवाही सुचारू ढंग से चलाने सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि वह हर मुद्दे पर नियमानुसार चर्चा के लिए तैयार है।
राजनाथ ने की बैठक की अध्यक्षता
इधर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें 34 दलों के 44 नेता उपस्थित रहे। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि विपक्ष ने बैठक में कई महत्वपूर्ण सुझाव रखे। सरकार संसद में नियमों और प्रक्रियाओं के तहत मणिपुर की स्थिति समेत अन्य सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के सभापति जो समय निर्धारित करेंगे, हम उस पर चर्चा के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस ने की मणिपुर पर चर्चा की मांग
बैठक के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि हमने संसद के मानसून सत्र के दौरान मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की जाए। प्रधानमंत्री सदन में आकर बयान दें। दो माह बीत रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर चुप हैं। चौधरी बोले कि हमने लोकसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में हिस्सा लिया और उन सभी मुद्दों को उठाया, जिन पर चर्चा की आवश्यकता है। सर्वदलीय बैठक में हमने सभी मुद्दों का उठाया है।
बीजद ने उठाया महिला आरक्षण विधेयक का मुद्दा
इधर बीजू जनता दल की ओर से राज्यसभा सदस्य सस्मित पात्रा ने इसी सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने की मांग की है। जिसे बैठक में अनेक दलों ने सपोर्ट भी किया। वाईएसआर कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति और वामदलों ने बीजद के प्रस्ताव का समर्थन किया। दूसरी ओर शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि सदन का कामकाज चलना चाहिए ताकि लोगों का पैसा बर्बाद न हो।