भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सूचना जारी करते हुए कहा कि दर्द, बुखार, एलर्जी और खुजली में उपयोग होने वाली 100 से ज्यादा फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन की दवाओं यानी FDC दवाओं पर बैन लगा दिया गया है। केंद्र सरकार ने इस संबंध में सूचना दी है कि यह फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन वाली ये दवाइयां इंसानों के लिए खतरनाक है, वहीं इन दवाइयों के बाजार में विकल्प भी मौजूद हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन दवाइयों को किया बैन
फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन वाली दवाइयों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गजट जारी करते हुए जिन दवाओं पर बैन लगाया गया है वह ज्यादातर प्रयोग में आने वाली दवाइयां जैसे एसिक्लोफेनाक 50 mg+ पैरासिटामोल 125 mg टैबलेट पर बैन लगाया गया है। इनके साथ ही सिटीरिजिन एचसीएल+ पैरासिटामोल+फिनाइलफ्राइन एचसीएल, मैफेनैमिक एसिड+ पैरासिटामोल इंजेक्शन, कैमिलोफिन डाइह्राइड्रोक्लोराइड 25 mg+ पैरासिटामोल 300 mg और लेवोसेटिरिजिन+ फेनिलफ्राइन एचसीएल+ पैरासिटामोल+ क्लोरफेनिरामाइन मैलेट+ फिनाइल प्रोफेनॉलमाइन प्रमुख हैं। केंद्र सरकार ने कहा कि FDC दवा का इस्तेमाल इंसानों के शरीर में बहुत नुकसान पहुंचाता है।
डीटीएबी ने की थी सिफारिश
डीटीएबी यानी पैनल ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड ने इन FDC दवाओं की जांच की सिफारिश की थी। फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन वाली दवाइयां लोगों के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक है इसलिए इनकी बिक्री पर रोक लगाना बहुत जरूरी है। इससे पहले जून 2023 में 14 FDC दवाइयों पर बैन लगाया था। सूत्रों के अनुसार 2016 में 344 दवाइयों की बिक्री और वितरण रोक लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा गठित पैनल के अनुसार बिना साइंटिस्ट के डेटा के यह लोगों को बेची जा रही थी।