BHOPAL. कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के दांडेली में मां की ऐसी क्रूरता ( Mothers cruelty ) अपने ही 6 साल के मासूम बेटे को नदी में फेंककर मगरमच्छों का निवाला बना दिया। मां ने जैसे ही मासूम को नदी में फेंका तो वहां मौजूद लोगों की नजर पड़ी और उन्होंने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन तब तक मगरमच्छ मासूम का आधा जिस नोंचकर अपना निवाला बना चुके थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है।
क्या मां भी इतनी क्रूर हो सकती है?
मां की ममता के किस्से तो आम है, लेकिन मां की क्रूरता कहीं बिरले ही सामने आती है। ऐसे ही कर्नाटक में एक मां की क्रूरता का मामला सामने आया है जो रोंगटे खड़े करने वाला है। 6 साल के इस मासूम विकलांग को लेकर पति-पत्नी के बीच हर समय झगड़ा होता रहता था। कभी-कभी सामान्य से लहजे में पति पत्नी से तो कभी पत्नी पति से कह देती थी कि इसको मार कर फेंक दो? किसी को क्या पता था कि एक दिन यह बात सच में कर दी जाएगी। सोमवार को भी पति ने पत्नी से बात करते हुए कहा कि इसको मार क्यों नहीं डालती? इस बार मां का गुस्सा इतना बड़ गया कि वह अपने काबू में नहीं रह पाई और अपने ही बेटे को मगरमच्छ का शिकार अपने हाथों से बना दिया।
बेटा जन्म से ही बोल नहीं पाता था
घटना के संबंध में बताया जाता है कि कर्नाटक उत्तर कन्नड़ जिले के दांडेली पुलिस को सूचना मिली थी कि आरोपी महिला ने अपने बच्चे को मगरमच्छ से भरी नदी में फेंक दिया है। जिसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस की टीम ने गोताखोरों की मदद से बच्चे को ढूंढने की कोशिश की, लेकिन रात होने की वजह से बच्चा नहीं मिला। बताया जाता है कि बच्चा जन्म से ही गूंगा था। आरोपी मां का नाम सावित्री है और इनके पति का नाम रवि कुमार है। इनके दो बेटे थे, जिनमें बड़ा एक बेटा (उम्र 6 साल) और एक छोटा बेटा ( उम्र 2 साल) है। बड़ा बेटा जन्म से ही बोल नहीं पाता था, जिसे लेकर दोनों पति-पत्नी के बीच अक्सर झगड़े होते थे। पति रवि बड़े बेटे की दिंव्यागता पर पत्नी से सवाल करता था कि उसने ऐसे बच्चे को जन्म क्यों दिया। पुलिस की माने तो पति रवि कभी-कभी गुस्से में बच्चे को फेंकने के लिए भी कह देता था। 5 मई को भी पति-पत्नी के बीच इसी बात को लेकर झगड़ा हुआ। गुस्साई मां ने अपने बेटे को मारने की सोची। उसने अपने विकलांग बेटे को पास की एक नदी में फेंक दिया। दूसरे दिन गोताखोरों की मदद से बच्चे का शरीर मगरमच्छों के निवाला से बचे अवशेषों के रूप में प्राप्त हुआ।