INDORE. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 जनवरी को इंदौर पहुंचे। यहां प्रवासी भारतीय सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन करेंगे किया। सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी और गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली बतौर अतिथि मौजूद रहे। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर (बीसीसी) में आयोजित सम्मेलन में 70 देशों के करीब 3500 प्रवासी भारतीय शिरकत कर रहे हैं।
मोदी के भाषण की 3 अहम बातें
1. इंदौर शहर समय से आगे
लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है, लेकिन मैं कहता हूं कि इंदौर एक दौर है, जो समय से आगे चलता है। जैसे ही मोदी ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर के ग्रैंड हॉल के मंच पर पहुंचे तो हॉल मोदी-मोदी के नारों से गूंज उठा। उन्होंने कहा, 4 साल के बाद यह सम्मेलन एक बार अपने मूल स्वरूप और भव्यता के साथ हो रहा है। अपनों से आमने-सामने की मुलाकात, बात का अलग आनंद और महत्व होता है। मध्य प्रदेश में मां नर्मदा का जल, जंगल, आदिवासी परंपरा यहां बहुत कुछ है, जो आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगा। उज्जैन में भी भव्य महाकाल लोक का विस्तार हुआ है। आप सभी वहां जाएं और महाकाल का आशीर्वाद लें।
इंदौर पूरी दुनिया में लाजवाब है। इंदौरी नमकीन का स्वाद, साबुदाने की खिचड़ी, कचौड़ी, समोसे, शिकंजी...जिसने इन्हें चखा, उसने कहीं और मुड़कर नहीं देखा। 56 दुकान तो प्रसिद्ध है ही, सराफा भी गजब है। यही वजह है कि लोग इंदौर को स्वच्छता के साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं। यहां के अनुभव आप खुद भी नहीं भूलेंगे और दूसरों को भी अपने देश जाकर बताना नहीं भूलेंगे।
2. दुनिया में भारत के लोग एक भारत-श्रेष्ठ भारत का अहसास कराते हैं
दुनिया के अलग-अलग देशों में भारत के लोगों की एक कॉमन तस्वीर दिखती है, तो वासुदेव कुटुम्बकम की भावना उसके साक्षात दर्शन कराती है। दूसरे देशों में भारत के अलग-अलग क्षेत्रों के लोग मिलते हैं, तो एक-भारत, श्रेष्ठ भारत का अहसास होता है। दुनिया में जब सबसे अनुशासित और शांतिप्रिय लोगों की चर्चा होती है तो मदर ऑफ डेमोक्रेसी का गौरव बढ़ जाता है। जब दुनिया हमारा आकलन करती है तो सशक्त भारत की आवाज सुनाई देती है। मैं सभी प्रवासी भारतीयों को विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रदूत यानी ब्रैंड एम्बेस्डर कहता हूं।
हमारे यहां कहा जाता है- स्वदेशो भुवन प्रयम, अर्थात हमारे लिए पूरा संसार ही हमारा देश है। इसी वैचारिक बुनियाद पर हमारे पूर्वजों ने भारत के सांस्कृतिक विस्तार को आकार दिया था। हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की बुनियाद खड़ी की थी। हम विदेश गए। अलग-अलग देशों अलग-अलग सभ्यताओं के बीच वैश्विक व्यापार से कैसे समृद्धि के रास्ते खोल सकते हैं? भारत ने और भारतीयों ने करके दिखाया। आज अपने करोड़ों प्रवासी भारतीयों को जब हम ग्लोबल मैप पर देखते हैं तो कई तस्वीरें एक साथ उभरती हैं।
3. जी-20 की अध्यक्षता हमारे लिए अवसर
इस साल भारत दुनिया के जी-20 समूह की अध्यक्षता भी कर रहा है। भारत इस जिम्मेदारी को एक बड़े अवसर के रूप में देख रहा है। हमारे लिए यह दुनिया को भारत के बारे में बताने का अवसर है कि ये दुनिया के लिए भारत के अनुभवों से सीखने का अवसर है। हमें जी-20 केवल एक डिप्लोमेटिक इवेंट नहीं, बल्कि जनभागीदारी का आयोजन बनाना है।
प्रवासी भारतीय सम्मेलन में किसने क्या कहा?
- ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर के ग्रैंड हॉल में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन और मार्गदर्शन से हमें अपने लक्ष्य हासिल करने में सफलता मिलेगी।
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मोदी का ट्वीट
मोदी ने ट्वीट किया कि नौ जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर शहर इंदौर में रहेंगे। यह हमारे प्रवासी भारतीयों के साथ जुड़ाव को गहरा करने का एक शानदार अवसर है, जिसने विश्व स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई है।
Looking forward to being in the vibrant city of Indore tomorrow, 9th January to mark Pravasi Bharatiya Divas. This is a great opportunity to deepen the connect with our diaspora, which has distinguished itself globally. https://t.co/0lIDULkFlj
— Narendra Modi (@narendramodi) January 8, 2023
हॉल में 2 हजार से ज्यादा की जगह नहीं, पहले आओ, पहले पाओ
मुख्य हॉल में करीब 2 हजार लोगों के ही बैठने की व्यवस्था है, वहीं डेलीगेट्स की संख्या 3500 से ज्यादा बताई जा रही है। ऐसे में बैठने की व्यवस्था अन्य हॉल में एलईडी लगाकर की गई है। निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने कहा कि सीट पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर रहेगी, जो बाद में आएगा उन्हें अन्य हॉल में बैठकर कार्यक्रम को सुनना होगा।
9 जनवरी को महात्मा गांधी साउथ अफ्रीका से लौटे थे
9 जनवरी 1915 को महात्मा गांधी साउथ अफ्रीका से लौटे थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2002 में इस दिवस को मनाने की घोषणा की थी। 2015 के बाद से यह हर दूसरे साल मनाया जाता है।