MUMBAI. महाराष्ट्र में उद्धव गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच बयानबाजी जारी है। एक तरफ उद्धव गुट दावा कर रहा है कि बीजेपी और एकनाथ शिंदे का खेमा एक दूसरे से खुश नहीं है। वहीं दूसरी तरफ इसे बीजेपी और शिंदे गुट ने गलत बताते हुए कहा कि ये लोग कई लड़ाई में नहीं हैं, इसलिए ऐसा कह रहे हैं।
बीजेपी कर रही है सौतेला व्यवहार
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने दावा किया एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 22 विधायक और नौ सांसद बीजेपी के सौतेले व्यवहार के कारण घुटन महसूस कर रहे हैं। ऐसे में वे पार्टी छोड़ सकते हैं।
बीजेपी के पिंजरे में कैद मुर्गे- मुर्गियांः सामना
उद्धव गुट के मुखपत्र सामना ने ये दावा ऐसे समय किया है जब सांसद और शिंदे गुट के नेता गजानन कीर्तिकर ने उनकी पार्टी के साथ ‘‘सौतेला व्यवहार किए जाने’’ संबंधी बयान दिया था। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में शिंदे समूह के विधायकों और सांसदों को बीजेपी के पिंजरे में कैद मुर्गे-मुर्गियां करार दिया। सामना में लिखा गया है कि इनके गले पर कब छुरियां चल जाएं, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।
इसी सौतेले व्यवहार के कारण उद्धव की शिवसेना नाता तोड़ा था
उद्धव गुट ने कहा कि उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (उस समय अविभाजित) ने इसी असहनीय सौतेले व्यवहार के कारण और अपनी सुरक्षा और आत्म सम्मान के लिए (2019 में) बीजेपी के साथ संबंध तोड़ लिए थे। ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 2019 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से नाता तोड़ लिया था। उसने महाराष्ट्र में सरकार गठित करने के लिए कांग्रेस और एनसीपी के साथ हाथ मिलाया था।
हम भी एनडीए का हिस्सा हमारा काम भी उसी हिसाब से होना चाहिए
मुंबई से लोकसभा सांसद गजानन कीर्तिकर ने की नाराजगी सामने आई थी। उन्होंने शुक्रवार 26 मई को कहा था, ‘‘हम एनडीए का हिस्सा हैं। इसलिए हमारा काम उसी हिसाब से होना चाहिए। एनडीए के साथी दलों को उपयुक्त दर्जा मिलना चाहिए। उद्वव गुट ने कहा कि शिवसेना के सांसदों और विधायकों ने ठाकरे परिवार को धोखा देकर बीजेपी से हाथ मिला लिया, लेकिन एक ही साल में उनका मोहभंग हो गया और उनके अलग होने की बात होने लगी है।
शिवसेना-बीजेपी का सीट बंटवारे का यह फॉर्मूला 2024 में लागू रहेगा
सामना में दावा किया गया कि शिंदे गुट की शिवसेना ने लोकसभा में 22 सीट पर खड़े होने की मांग की थी, लेकिन बीजेपी उसे पांच से सात सीट से अधिक नहीं देगी। उसने कहा कि शिवसेना का 22 सीट पर चुनाव लड़ने का दावा हास्यास्पद है। दरअसल कीर्तिकर ने पिछले सप्ताह कहा था कि शिवसेना ने 2019 में महाराष्ट्र की (48 में से) 22 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा था। शिवसेना और बीजेपी के लागू किया गया सीट बंटवारे का यह फॉर्मूला 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बरकरार रहेगा।
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राज्य सरकार की सभी शक्तियां फडणवीस के पास हैं
सामना के संपादकीय में कहा कि एकनाथ शिंदे खुद से कुछ काम नहीं कर सकते। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए दावा किया कि वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के वाहन के चालक बन गए हैं, जिसका मतलब है कि राज्य सरकार की सभी शक्तियां फडणवीस के पास हैं। उद्धव गुट के दावे पर मंत्री और शिंदे गुट के नेता शंभुजराज देसाई ने कहा कि हम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व से सब संतुष्ट हैं। विनायक राउत बेकार के बयान में कोई भी तथ्य नहीं है। वो बोलते रहते हैं। विनायक राउत ने मेरे बारे में भी ऐसे ही बयान दिया था अगर वो इसे वापस नहीं लेते तो मैं कानूनी कार्रवाई करूंगा।
हमारे यहां कोई असतुंष्ट नहीं हैः फडणवीस
पूरे मामले पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे गुट पर हमला किया। फडणवीस ने कहा कि हमारे यहां कोई असतुंष्ट नहीं है। पूरा ठाकरे गुट असतुंष्ट है। जितना ठाकरे गुट में नाराजगी और असंतुष्टि है उतनी तो कहीं नहीं है।
शिंदे और बीजेपी की सरकार गिरने वाली हैः विनायक राउत
उद्धव गुट के नेता और सांसद विनायक राउत ने दावा किया था कि शिंदे और बीजेपी की सरकार गिरने वाली है। शिंदे गुट के 13 सांसद में से नौ सांसद हमारे संपर्क में है। बता दें कि उद्दव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 2019 में बीजेपी से नाता तोड़ लिया था। फिर उसने महाराष्ट्र में सरकार गठित करने के लिए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ हाथ मिलाया था। तीनों दलों ने मिलकर महाविकास अघाड़ी की सरकार बनाई थी। शिवसेना में पिछले साल फूट पड़ने के बाद शिंदे के गुट ने बीजेपी के साथ हाथ मिला लिया और इसके बाद एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बन गए थे।