LUCKNOW. उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर के मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई है। इसमें कृष्णानंद राय हत्याकांड के साथ कोयला व्यापारी नंदकिशोर रूंगटा की किडनैपिंग और हत्याकांड भी शामिल था। मुख्तार अंसारी पर क्यों लगा था फिरौती नहीं मिलने पर नंदकिशोर रूंगटा की हत्या का आरोप, पढ़िए किडनैपिंग और हत्याकांड की 26 साल पुरानी कहानी।
राजनीति में आना चाहता था मुख्तार अंसारी
90 के दशक में जब मुख्तार अंसारी राजनीति में उतरना चाह रहा था। पुलिस के रिकॉर्ड में उसका नाम एक अपराधी के रूप में दर्ज था, लेकिन वो राजनीति में आना चाहता था। इस वजह से एक तरफ वाराणसी में बृजेश सिंह से उसकी अदावत बढ़ रही थी तो दूसरी तरफ राजनीति की ताकत पाने की ख्वाहिश थी।
मुख्तार के दिमाग में आया फिरौती का आइडिया
मुख्तार अंसारी को राजनीति में उतरने के लिए पैसों की जरूरत थी, इसलिए उसके दिमाग में फिरौती के आइडिया ने जन्म लिया। कोयले के काले कारोबार से कमाई बढ़ाने के लालच में मुख्तार ने चंदासी कोयला मंडी पर कब्जा जमाने के हथकंडे अपनाए। पहले सबसे पहले नंदकिशोर से वसूली मांगी और फोन पर धमकी दी। जब बात नहीं बनी तो मुख्तार अंसारी ने अपने गुर्गों से उनको किडनैप कराकर मोटी रकम वसूलने की साजिश रची।
मुख्तार ने साले से कराई किडनैपिंग
22 जनवरी 1997 को सुबह जवाहर नगर कॉलोनी में रहने वाले नंदकिशोर के दफ्तर पर मुख्तार का साला अताउर रहमान बाबू हजारीबाग का कोयला कारोबारी विजय बनकर पहुंचा था। अताउर ने नंदकिशोर रूंगटा को कोयले के कारोबार से जुड़े दस्तावेज दिखाने के बहाने अपनी कार में बैठा लिया। इसके बाद चाय में नशीली दवा मिलाकर पिला दी। रूंगटा के बेहोश होने के बाद उन्हें किडनैप कर लिया।
5 करोड़ लेने के बाद भी कर दी हत्या
रूंगटा की किडनैपिंग के बाद कॉल करके 5 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी गई। रूंगटा के परिवार ने पूरी रकम के अंसारी को पहुंचा दी, इसके बाद भी अंसारी ने नंदकिशोर की हत्या कर दी। ताज्जुब की बात ये है कि रूंगटा की लाश आज तक नहीं मिली। तत्कालीन सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी।
आज तक गिरफ्तार नहीं हुए 2 शूटर
रूंगटा के मामले में सीबीआई ने अंसारी के अलावा 2 शूटर्स को भी आरोपी बनाया था। शार्प शूटर अताउर रहमान बाबू और शाहबुद्दीन 26 साल बाद भी सीबीआई की पकड़ से दूर हैं। उन पर 2 लाख का इनाम घोषित है। लोअर कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को बरी कर दिया था, लेकिन योगी सरकार के आने के बाद ये मामला फिर से खुला। 2007 में अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया।
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मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा
शनिवार को ही मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर के मामले में गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार ठहराया। 10 साल की सजा सुनाई और 5 लाख का जुर्माना भी लगाया।