नागपंचमी 2024 : जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, इस मंत्र का करें जाप, खत्म होंगे सारे कष्ट

अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है और इससे मुक्ति चाहते हैं तो इस दिन आप गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे आपके कष्ट कम होंगे और साथ ही साथ आपको झूठे आरोपों से भी छुटकारा मिलेगा।

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Pratibha ranaa
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नागपंचमी 2024
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पूरे देश में कल यानी 9 अगस्त को नागपंचमी का पर्व मनाया जाएगा। सावन माह के शुक्‍ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता हैं। नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा- अर्चना से साधक के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके साथ ही इस दिन खेतों में फसलों की रक्षा के लिए भी नाग देवता की पूजा की जाती है। 

नागपंचमी के दिन नाग देवता के 8 स्वरूप ( वासुकि, ऐरावत, मणिभद्र, कालिया, धनंजय, तक्षक, कर्कोटकस्य और धृतराष्ट्र ) की पूजा की जाती है। इस साल 9 अगस्त को बेहद शुभ संयोग में नाग पंचमी मनाई जाएगी। 

नागपंचमी तिथि का आरंभ 9 अगस्त 2024 को सुबह 8: 15 पर होगा और अगले दिन यानी 10 अगस्त 2024 को सुबह 6 बजकर 9 मिनट पर इसका समापन होगा। 

शुभ मुहूर्त 

नाग पंचमी कल यानी 9 अगस्त को मनाई जा रही है। पूजा के लिए दोपहर का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:13 मिनट से लेकर 1:00 बजे तक का है। समय का शुभ शाम 5: 47 मिनट से लेकर 8:27 मिनट तक रहेगा। प्रदोष काल में भी पूजा का शुभ महूर्त शाम 6:33 मिनट से रात को 8:20 मिनट तक रहेगा।

नागपंचमी के दिन नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए कई तरह की चीजें चढ़ाई जाती हैं। आइए जानते हैं कि नागपंचमी के दिन क्या-क्या चढ़ाया जा सकता है...

  • दूध
  • दही
  • घी 
  • कच्चा दूध
  • शहद
  • फल
  • फूल
  • बेला पत्ता
  • दूर्वा घास
  • लड्डू

इस मंत्र का करें जाप 

अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है और इससे मुक्ति चाहते हैं तो इस दिन आप गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे आपके कष्ट कम होंगे और साथ ही साथ आपको झूठे आरोपों से भी छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा इस दिन भगवान शिव के मंत्र ॐ नमः शिवाय के साथ-साथ राहु मंत्र ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: और केतु के मंत्र ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम: का जाप भी करें।

अब नागपंचमी के बारे में विस्तार से जानिए...

नाग देवता की पूजा का पर्व

नागपंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। नागपंचमी का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है।

नागपंचमी का महत्व

  • नाग देवता की पूजा: नाग देवता को हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। उन्हें जल, दूध और फूल चढ़ाकर उनकी पूजा की जाती है।
  • कालसर्प दोष: जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उनके लिए नागपंचमी का विशेष महत्व होता है। इस दिन नाग देवता की पूजा करने से इस दोष का प्रभाव कम होता है।
  • सर्पदंश से रक्षा: मान्यता है कि नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से सर्पदंश से रक्षा होती है।
  • समृद्धि और खुशहाली: नाग देवता को धन का देवता भी माना जाता है। इसलिए, उनकी पूजा करने से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।

नागपंचमी के दिन क्या किया जाता है?

  • नाग मंदिरों में पूजा: इस दिन लोग नाग मंदिरों में जाकर नाग देवता की पूजा करते हैं।
  • घर में पूजा: कई लोग अपने घरों में भी नाग देवता की मूर्ति या चित्र स्थापित करके उनकी पूजा करते हैं।
  • व्रत रखना: कुछ लोग इस दिन व्रत रखते हैं और नाग देवता को प्रसाद चढ़ाते हैं।
  • नाग की प्रतिमाओं की स्थापना: इस दिन लोग अपने घरों के आसपास नाग की प्रतिमाएं स्थापित करते हैं।

नागपंचमी पर बनेंगे कई संयोग 

इस साल नागपंचमी के मौके पर शिववास योग, सिद्ध योग,साध्य योग,बव और बालव, करण योग और हस्त नक्षत्र के शुभ संयोग में नागपंचमी मनाई जाएगी।  

pratibha rana

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