प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ 2025 से पहले श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के संतों और अखाड़ा परिषद के दूसरे गुट ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए महाकुंभ के परंपरागत अनुष्ठानों जैसे पेशवाई और शाही स्नान के नाम बदल दिए हैं। गुलामी के प्रतीक माने जाने वाले इन नामों को हटाकर हिंदी में नए नामकरण किए गए हैं। अखाड़े के महासचिव महंत यमुना पुरी के अनुसार, मुगल काल के नामों की जगह अब नए नाम दिए गए हैं, जिससे भारतीय संस्कृति और भाषा को बढ़ावा मिले।
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पेशवाई का नया नाम कुंम्भ मेला छावनी प्रवेश यात्रा
महानिर्वाणी अखाड़े के नए आमंत्रण पत्र के अनुसार, पेशवाई को अब "कुंम्भ मेला छावनी प्रवेश यात्रा" कहा जाएगा, जबकि शाही स्नान का नाम बदलकर "कुंम्भ अमृत स्नान" रखा गया है। यह निर्णय गुलामी के प्रतीक माने जाने वाले मुगलों के नामों को हटाने और भारतीयता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है। इस आमंत्रण पत्र के माध्यम से संत, महंत, महामंडलेश्वर और विभिन्न अखाड़ों के प्रतिनिधियों को आगामी आयोजन के लिए बुलावा भेजा गया है।
आयोजन की मुख्य तिथियां
महाकुंभ 2025 के इस आयोजन की तैयारी 6 दिसंबर को भूमि पूजन के साथ आरंभ होगी। इसके बाद 22 दिसंबर को धर्मध्वजा मुहूर्त स्थापना की जाएगी। कुंम्भ अमृत स्नान के तीन मुख्य अवसर निर्धारित किए गए हैं:
- पहला कुंम्भ अमृत स्नान - 14 जनवरी 2025
- दूसरा कुंम्भ अमृत स्नान - 29 जनवरी 2025
- तीसरा कुंम्भ अमृत स्नान - 3 फरवरी 2025
इन मुख्य अनुष्ठानों के साथ महाकुंभ 2025 के आयोजन में धार्मिक परंपराओं को बनाए रखने के साथ भारतीय संस्कृति और भाषाई अस्मिता का भी समावेश होगा।
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