फरवरी 2026 से होगा घरेलू आय सर्वे, भारत में पहली बार परिवारों की आय का मिलेगा असल डेटा
भारत सरकार फरवरी 2026 से देश का पहला घरेलू आय सर्वेक्षण HIS शुरू करेगी। इससे पहली बार यह स्पष्ट जानकारी मिलेगी कि गांव और शहरों में परिवारों की वास्तविक कमाई कितनी है।
भारत सरकार फरवरी 2026 से पहली बार घरेलू आय सर्वेक्षण (Household Income Survey - HIS) शुरू करने जा रही है। अब तक देश में सिर्फ खर्च का ही सर्वे होता था, लेकिन अब सरकार सीधे तौर पर जानेगी कि एक परिवार कितनी कमाई करता है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने घोषणा की है कि यह सर्वे फरवरी 2026 से शुरू होगा।
आमदनी की असल तस्वीर पेश करेगा नया सर्वे
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बताया कि यह सर्वे जीवन स्तर, गरीबी और नीति निर्माण के लिए अहम डेटा देगा। पहली बार सरकार को यह जानने का मौका मिलेगा कि एक भारतीय परिवार वास्तव में कितना कमाता है। मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का कहना है कि यह सर्वे देश में जीवन स्तर, गरीबी, आय में असमानता और उपभोक्ताओं की आदतों की ज्यादा स्पष्ट झलक देगा।
पहले के प्रयास क्यों रहे नाकाम
1955, 1959, 1964 और 1969 में आय सर्वेक्षण की कोशिशें हुईं।
आंकड़े सार्वजनिक नहीं हुए या उपभोग और बचत से मेल नहीं खाए।
लोगों ने आय छिपाई, जिससे डेटा अविश्वसनीय हो गया।
2003 का किसान परिवारों पर केंद्रित सर्वे सिर्फ कृषि तक सीमित था। (सोर्स: एनएसओ रिपोर्ट्स)
आय के सोर्स बने चुनौती
आय के विभिन्न सोर्स जैसे नौकरी, खेती, किराया, निवेश आदि हैं। ग्रामीण परिवारों के पास आमतौर पर 3-4 और शहरी परिवारों के पास 2-3 आय के स्रोत होते हैं। ऐसे में सटीक आंकड़े जुटाना बड़ी चुनौती है। पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद् (Statistician) प्रणब सेन के मुताबिक, ज्यादा आय वाले लोग अपनी सारी आय खर्च नहीं करते, इसलिए केवल खर्च के आंकड़ों से असमानता कम आंकी जाती है।
मंत्रालय ने बताया कि सर्वे (HIS Survey) के लिए दूसरे देशों की कार्यप्रणाली का अध्ययन किया जा रहा है। सर्वे उपभोग व्यय सर्वे को नहीं हटाएगा, बल्कि उसे पूरक डेटा देगा। पारदर्शिता और सही जानकारी जुटाने पर खास ध्यान दिया जाएगा। यह सर्वे उपभोग व्यय सर्वेक्षण की जगह नहीं लेगा, बल्कि उसे और मजबूत करेगा।