NEW DELHI. चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) से नेशनल पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है। इन तीनों पार्टियों का वोट शेयर देशभर में 6 प्रतिशत से कम हुआ है। इससे पहले BSP से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लिया गया था। चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (AAP) को नेशनल पार्टी का दर्जा दिया है।
क्या है राष्ट्रीय पार्टी के मानक?
किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी होने के लिए से कम चार राज्यों में 6 फीसदी वोट हासिल हुआ होना चाहिए। लोकसभा की कुल सीटों में से 2 फीसदी सीटें कम से कम तीन राज्यों से मिली हों और पार्टी को चार राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा मिला हो।
क्यों छिना राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा?
चुनाव आयोग के मुताबिक इन दलों को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया गया था, लेकिन ये दल उतना रिजल्ट नहीं ला पाए इसलिए यह दर्जा वापस लिया गया है। इन्हें 2 संसदीय चुनावों और 21 राज्य विधानसभा चुनावों के पर्याप्त मौके दिए गए थे। इसके बाद इन दलों के प्रदर्शन को रिव्यू किया गया। पार्टियों राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे के पैमाने पर खरी नहीं उतरी। हालांकि ये पार्टियां आगे के चुनावी चक्र में प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा वापस हासिल कर सकती हैं।
देश में अभी कितनी राष्ट्रीय पार्टी?
- भारतीय जनता पार्टी (BJP)
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भारतीय निर्वाचन आयोग ने की घोषणा
भारतीय निर्वाचन आयोग ने 10 अप्रैल, सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता दे दी। चुनाव आयोग ने कहा कि ‘आप’ ने राष्ट्रीय पार्टी होने की सभी शर्तें पूरी की हैं। आम आदमी पार्टी को चुनाव चिन्ह झाड़ू के साथ राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता दी गई। इसके साथ ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय दल होने का दर्जा खत्म कर दिया है। अब एनसीपी महाराष्ट्र में राज्य का दर्जा प्राप्त राजनीतिक पार्टी रहेगी। वहीं, सीपीआई का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा समाप्त होने के साथ ही पार्टी अब केरल, मणिपुर और तमिलनाडु में राज्य में दर्जा प्राप्त राज्य स्तर की पार्टी मानी जाएगी।
आप को क्यों बनाया राष्ट्रीय पार्टी?
चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा दिया है। नेशनल पार्टी के लिए आप को गुजरात या हिमाचल में छह प्रतिशत से ज्यादा वोट शेयर पाने की जरूरत थी। गुजरात में आप को करीब 13 प्रतिशत वोट शेयर मिला है। ऐसे में वह नेशनल पार्टी बन गई है। AAP इससे पहले 3 राज्यों दिल्ली, पंजाब और गोवा में 6% से ज्यादा वोट शेयर हासिल कर चुकी है।
कुछ पार्टियों को मिली मान्यता, कुछ पर हुई कार्रवाई
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को नागालैंड में एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता मिली है। टिपरा मोथा पार्टी को त्रिपुरा में एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता मिली है। वहीं बीआरएस को आंध्र प्रदेश में एक राज्य पार्टी के रूप में अमान्य किया गया है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में आरएलडी का एक राज्य पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है। रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी को पश्चिम बंगाल में एक राज्य पार्टी के रूप में अमान्य किया गया है। मेघालय में वॉइस ऑफ द पीपुल पार्टी को राज्य स्तरीय पार्टी के रूप में मान्यता मिली है।
1 जनवरी 1998 को हुई थी टीएमसी की स्थापना
कांग्रेस में 25 साल रहने के बाद पार्टी से अलग हुई ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की स्थापना 1 जनवरी 1998 को की थी। टीएमसी ने सालों तक बंगाल की सत्ता की बागडोर संभाली। टीएमसी ने वामपंथी सरकार को हटाकर 2011 में सत्ता हासिल की थी। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस पार्टी का नारा है 'माँ, माटी और मनुष्य' है।
25 मई 1999 को हुई थी एनसीपी की स्थापना
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) देश की प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों में एक थी। सोनिया गांधी की राष्ट्रीयता और नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस से निष्कासित होने के बाद 25 मई 1999 को शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर ने इसकी स्थापना की थी। कांग्रेस से अलग होने के बावजूद एनसीपी ने राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर सरकार बनाने में उससे सहयोग लिया और उसे सहयोग दिया।
1920 में हुई थी सीपीआई की स्थापना
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) की स्थापना अंग्रेजी शासनकाल में 1920 में ताशकंद में एमएन रॉय, अबनी मुखर्जी, मोहम्मद अली और कुछ अन्य नेताओं के सहयोग से हुई थी। भाकपा का भारत में पहला अधिवेशन 26 दिसंबर 1925 को कानपुर में हुआ था। पार्टी की वेबसाइट के मुताबिक इसकी स्थापना का वर्ष भी दिसंबर 1925 ही है। वर्तमान में इस दल के महासचिव सुधारकर रेड्डी हैं। इसका चुनाव चिह्न हसिया और बाली है।