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BHOPAL. भारत में हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (National Safty Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुर्घटनाओं से रोकने के लिए किए जाने वाले सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के स्थापना दिवस पर 1972 में पहली बार 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया गया था।
भारत में एक्सीडेंट्स
केंद्रीय रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज मिनिस्ट्री की रोड एक्सीडेंट इन इंडिया-2021 रिपोर्ट के मुताबिक, उस साल देश में 4 लाख 12 हजार 432 एक्सीडेंट्स हुए, जिसमें 1 लाख 53 हजार 972 लोगों की जान गई। 2020 में मार्च-अप्रैल में कोविड के चलते देशभर में लॉकडाउन की स्थिति थी तो एक्सीडेंट्स भी काफी कम हुए। रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 की तुलना में 2021 में एक्सीडेंट्स और उनमें जान गंवाने वालों की संख्या में काफी कमी देखी गई। 2021 में 2019 की तुलना मे सड़क हादसे में 8.1% की कमी देखी गई, साथ ही घायलों की संख्या में भी 14.8% की कमी आई। अगर सड़क हादसों की बात करें तो 2019 की तुलना में 2021 में 1.9% का इजाफा हुआ।
सड़क हादसों में भारत टॉप पर
सेवलाइव फाउंडेशन के मुताबिक, 2021 में भारत प्रति 1,000 सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के मामले में दुनिया में अव्वल है। तकनीकी भाषा में इसे रोड क्रैश सीवियरटी कहा जाता है जो भारत में 38.6 है। यानी भारत में अगर 1,000 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं तो औसतन 38.6 लोग मारे जाते हैं। 2016 के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, भारत दुनिया के उन 20 देशों की लिस्ट में टॉप पर है, जहां रोड क्रैश सीवियरटी सबसे ज्यादा है।
सड़क हादसों में राज्यों की स्थिति
एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें हुईं। उसके बाद तमिलनाडु और महाराष्ट्र के नंबर आते हैं। 2021 में देश में सड़क हादसों से हुईं कुल मौतों में इन तीन राज्यों की हिस्सेदारी क्रमशः 14%, 9.88% और 8.94% रही।
2021 में दोपहिया वाहनों के हादसों में सबसे ज्यादा 69,240 मौतें हुईं। उसके बाद कार हादसों में 23,531, जबकि ट्रकों और लॉरियों के हादसों में 14,622 जान गईं। इस तरह, सड़क हादसों में हुईं कुल मौतों में बाइकों की हिस्सेदारी 44.5%, कारों की 15.1% जबकि ट्रकों/लॉरियों की 9.4% रही। ट्रकों/लॉरियों/मिनी ट्रकों के हादसों में सबसे ज्यादा 3,423 मौतें मध्य प्रदेश में हुईं।
रोड एक्सीडेंट की सबसे बड़ी वजह तेज रफ्तार
सबसे ज्यादा सड़क हादसे तेज रफ्तार के कारण होते हैं। 2021 में देशभर में हुए कुल 4 लाख सड़क हादसों में 2.4 लाख हादसों की वजह ओवर स्पीडिंग ही थी। इन हादसों में 87,050 मौतें हुईं, जबकि 2 लाख 28 हजार 274 लोग घायल हुए।
वहीं, खतरनाक तरीके से या लापरवाही से ड्राइविंग करने या ओवरटेकिंग के कारण 1 लाख 3 हजार 629 यानी 25.7% सड़क हादसे हुए। इन हादसों में 42,853 मौतें हुईं, जबकि 91,893 लोग घायल हुए। 11 हजार 110 सड़क हादसे मौसम की खराबी के कारण हुए। 1.9 प्रतिशत सड़क हादसे नशे की हालत में ड्राइविंग (Drunken Driving) के कारण हुए, जिनमें 7,235 लोगों की जान चली गईं, जबकि 2,935 लोग घायल हो गए।
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