पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने स्वीकार कर लिया है कि पाकिस्तान ने 1999 के लाहौर समझौते का उल्लंघन किया था। भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने परोक्ष रूप से जनरल परवेज मुशर्रफ के कारगिल घुसपैठ का जिक्र करते हुए कहा कि यह हमारी गलती थी."
पाकिस्तान के पूर्व पीएम शरीफ ने अपनी पार्टी की एक बैठक में स्वीकार किया कि 28 मई 1998 को पाकिस्तान ने पांच परमाणु परीक्षण किए थे। इसके बाद Atal Bihari Vajpayee पाकिस्तान आए और हमारे साथ एक समझौता किया, लेकिन हमने उस समझौते का उल्लंघन किया। यह हमारी गलती थी।
क्या है लाहौर समझौता
यह एक शांति समझौता था। इसमें अन्य चीजों पर ध्यान देने के अलावा शांति और सुरक्षा बनाए रखने और दोनों देशों के बीच पिपुल-टू-पिपुल कॉन्टेक्ट को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया था। हालांकि, नवाज शरीफ के अनुसार पाकिस्तान ने कुछ ही समय बाद कारगिल में घुसपैठ कर इसका उल्लंघन किया था। पाकिस्तानी सेना की इसी घुसपैठ की वजह से कारगिल युद्ध हुआ था।
अमेरिका ने दिया 5 अरब डॉलर का ऑफर!
अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग ( नवाज ) या पीएमएलएन की एक बैठक में Nawaz Sharif ने कहा कि राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तान को परमाणु परीक्षण करने से रोकने के लिए पांच अरब अमेरिकी डॉलर की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। उन्होंने इमरान खान को निशाने पर लेते हुए कहा कि (पूर्व प्रधानमंत्री) इमरान जैसे लोग अगर मेरी सीट पर होते तो उन्होंने क्लिंटन का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया होता।
नवाज शरीफ को छोड़ना पड़ा था पीएम पद
पनामा पेपर्स मामले में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तीन बार के प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ को अपना पीएम पद छोड़ना पड़ा था। बाद में उन्हें ब्रिटेन शिफ्ट होना पड़ गया था। इसके छह साल बाद अब मंगलवार को वह निर्विरोध पीएमएल-एन के अध्यक्ष चुने गए हैं। नवाज ने अपने खिलाफ तमाम मामलों को झूठा बताया, जिसकी वजह से उन्हें 2017 में प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था।