हादसे के 39 घंटे बाद रेल मंत्री अश्विनी ने बताई वजह, कहा- इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुआ एक्सीडेंट

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Neha Thakur
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हादसे के 39 घंटे बाद रेल मंत्री अश्विनी ने बताई वजह, कहा- इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुआ एक्सीडेंट

BHUVNESHWAR. ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे के बाद अब जिंदगी को पटरी पर लाने की जद्दोजहद चल रही है। हादसे में जहां 288 लोगों की मौत हो गई, वहीं 900 से ज्यादा यात्री घायल हो गए हैं, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। 2 जून की शाम को बालासोर में हुए हादसे के बाद से ही वहां विभिन्न टीमों द्वारा बचाव कार्य किया जा रहा है। 2 जून को कोरोमंडल एक्सप्रेस में एक NDRF का जवान भी यात्रा कर रहा था। उस जवान ने शुरुआती बचाव कार्य में शामिल होने से पहले ट्रेन दुर्घटना के बारे में आपातकालीन सेवाओं को सूचित किया था। जानकारी के मुताबिक  एनडीआरएफ के जवान वेंकटेश एनके छुट्टी पर थे और पश्चिम बंगाल के हावड़ा से तमिलनाडु की यात्रा कर रहे थे। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि वेंकटेश बाल-बाल बच गए क्योंकि उनका कोच बी-7 पटरी से उतर गया था लेकिन आगे के कोचों से नहीं टकराया। वह थर्ड एसी कोच में थे और उनकी सीट संख्या 58 थी।




— ANI (@ANI) June 4, 2023



इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुआ हादसा



हादसे के 39 घंटे बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे की वजह बताई। उन्होंने कहा- यह हादसा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुआ। हमने जिम्मेदारों की भी पहचान कर ली है। इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम वह होता है, जिसमें ट्रेन का ट्रैक तय किया जाता है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि एक्सीडेंट का एंटी कॉलिजन सिस्टम (कवच) से कोई लेना-देना ही नहीं है। उन्होंने कहा कि एक्सीडेंट का इससे लेना-देना नहीं है। रेल मंत्री ने दावा किया कि बुधवार तक काम पूरा कर लेंगे और ट्रेन चलनी शुरू हो जाएंगी।



छुट्टी पर घर जा रहे थे वेंकटेश



कोलकाता में NDRF की दूसरी बटालियन में तैनात 39 वर्षीय वेंकटेश ने सबसे पहले बटालियन में अपने वरिष्ठ निरीक्षक को फोन करके दुर्घटना की जानकारी दी। इसके बाद उसने व्हाट्सएप पर साइट की लाइव लोकेशन NDRF नियंत्रण कक्ष को भेजी और इसका उपयोग बचाव दल ने मौके पर पहुंचने के लिए किया। वेंकटेश ने कहा- मुझे जोर का झटका लगा और फिर मैंने अपने कोच में कुछ यात्रियों को गिरते हुए देखा। मैंने पहले यात्रियों को बाहर निकाला और उसे रेलवे ट्रैक के पास एक दुकान में बिठाया, फिर मैं दूसरों की मदद के लिए दौड़ा।



मोबाइल टॉर्च की मदद से यात्रियों को निकाला बाहर



दुर्घटना के बाद एक मेडिकल दुकान के मालिक सहित स्थानीय लोग 'असली रक्षक' थे, क्योंकि उन्होंने पीड़ितों की हरसंभव मदद की और जितना हो सकता था उतना रेस्क्यू में सहयोग किया। भुवनेश्वर से लगभग 170 किमी उत्तर में बालासोर के बहनागा बाजार स्टेशन के पास यह भीषण हादसा हुआ। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से 2021 में NDRF में शामिल हुए जवान ने कहा कि उसने घायल और फंसे यात्रियों का पता लगाने के लिए अपने मोबाइल फोन की रोशनी का इस्तेमाल किया और उन्हें सुरक्षित निकाल लिया। घुप्प अंधेरा था और बचाव दल के आने तक स्थानीय लोगों ने भी यात्रियों की मदद के लिए अपने मोबाइल फोन और टॉर्च का इस्तेमाल किया।



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7 जून तक हालात हो जाएंगे सामान्य



रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव हादसे के बाद से ही घटनास्थल पर डटे हुए हैं। रेल हादसे में अब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया है घटना के असल कारणों का पता चल गया है। अश्विनी वैष्णव ने कहा- प्रधानमंत्री ने एक दिन पहले जो दिशा-निर्देश दिए थे। उसी के मुताबिक काम चल रहा है। बुधवार सुबह यानी 7 जून तक हालात सामान्य हो जाएंगे।



दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई- PM मोदी



बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 जून को घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया। इस दौरान पीएम ने कड़े लहजे में कहा था कि मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, किसी को बख्शा नहीं जाएगा।



चेन्नई सेंट्रल स्टेशन पर हुई ये व्यवस्था



बालासोर में ट्रेन हादसे में प्रभावित हुए यात्रियों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर विस्तृत व्यवस्था की गई है। इसके लिए स्पेशल ट्रेन भद्रक से आ रही है। स्टेशन पर कई हेल्थ डेस्क स्थापित किए गए हैं। भारी सुरक्षा की मौजूदगी के साथ, स्टैंड बाई पर एंबुलेंस और व्हील चेयर भी लाए गए हैं। यात्रियों को जरूरत के हिसाब से उनके घर तक पहुंचाने के लिए कैब ड्राइवरों को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है।



मेडिकल के लिए ये की है तैयारी



दुर्घटना पीड़ितों के लिए किए गए प्रबंधों पर तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव गगनदीप सिंह बेदी ने बातचीत में बताया कि मेडिकल एक्सपर्ट और पैरामेडिकल स्टाफ वाली 6 टीमें रेलवे स्टेशन पर हैं। स्पेशल ट्रेन में 290 लोगों के आने की उम्मीद है। उनमें से कई घायल नहीं हैं। इनमें से कुछ ही लोगों को मामूली चोटें आई हैं। एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस सहित एंबुलेंस को तैयार रखा गया है।



मृतकों-घायलों का तैयार हो रहा डेटा



तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव गगनदीप सिंह बेदी ने कहा कि जिन लोगों को चिकित्सा की आवश्यकता है या आगे के उपचार के लिए उन्हें राजीव गांधी सामान्य अस्पताल ले जाया जाएगा। कैजुअल्टी और आईसीयू बेड तैयार रखे गए हैं। शुरुआती स्वास्थ्य जांच के बाद यात्री की स्थिति के आधार पर हम उन्हें अस्पताल ले जाएंगे। नहीं तो जिला प्रशासन ने उन्हें घर ले जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था की है। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि जो लोग पहले ही दुर्घटना के कारण घायल हो चुके हैं, वे यहां से आसानी से निकल सकें। तमिलनाडु के कितने लोग घायल/मृत हुए हैं, इस पर डेटा अभी भी संकलित किया जा रहा है।


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