NEET UG पेपर लीक का मामलें में आज यानी 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट में सीबीआई रिपोर्ट ( CBI report ) से पूछताछ शुरू हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के कम से कम नंबर, IIT मद्रास की रिपोर्ट ( IIT Madras report ) पेपर में गड़बडी कब और कैसे हुई, कितने सॉल्वर्स पकड़े गए, दोबारा जांच की मांग और पेपर में गड़बड़ी की पूरी टाइमलाइन पर चर्चा हुई। कोर्ट ने एनटीए को सभी छात्रों के सेंटर और सिटी वाइज रिजल्ट ऑनलाइन अपलोड करने के लिए कहा है। साथ ही काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
शनिवार दोपहर तक की डेडलाइन
सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को निर्देश दिया कि सभी छात्रों के परिणाम शहरवार और केंद्रवार शनिवार दोपहर 12 बजे तक ऑनलाइन अपलोड किए जाने चाहिए। कोर्ट ने सोमवार (22 जुलाई) तक काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। एसजी ने कहा, काउंसलिंग में कुछ समय लगेगा। यह 24 जुलाई के आसपास शुरू होगी। सीजेआई ने कहा, हम सोमवार को ही सुनवाई करेंगे।
SC ने NTA से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने NTA से पूछा कि 23.33 लाख में से कितने छात्रों ने अपना एग्जाम सेंटर बदला? इस पर एनटीए ने जवाब दिया कि करेक्शन के नाम पर छात्रों ने सेंटर बदला है। 15 हजार छात्रों ने करेक्शन विंडो का इस्तेमाल किया था। हालांकि एनटीए ने कोर्ट से कहा कि छात्र सिर्फ शहर बदल सकते हैं और कोई भी उम्मीदवार केंद्र नहीं चुन सकता। सेंटर का चयन अलॉटमेंट सिस्टम द्वारा किया जाता है। सेंटर का अलॉक्शन परीक्षा से सिर्फ दो दिन पहले होता है, इसलिए किसी को नहीं पता कि कौन सा सेंटर मिलने वाला है।
सोमवार को होगी अगली सुनवाई
सुनवाई के दौरान IIT मद्रास की रिपोर्ट, पेपर में गड़बडी कब और कैसे हुई, कितने सॉल्वर्स पकड़े गए, दोबारा जांच की मांग और पेपर में गड़बड़ी की पूरी टाइमलाइन पर चर्चा हुई। अब नीट विवाद पर उम्मीदवारों को सोमवार को होने वाली सुनवाई का इंतजार करना होगा।
एनटीए ने SC में दाखिल कराया था लिखित जवाब
सुनवाई से पहले एनटीए ने आज सुप्रीम कोर्ट में अपना लिखित जवाब दाखिल किया है। एनटीए का कहना है कि नीट परीक्षा में कोई सिस्टेमैटिक फेलियर नहीं था। बिहार की घटना एक आपराधिक गतिविधि है, जिन घटनाओं का जिक्र किया जा रहा है उनकी जांच चल रही है। एनटीए कोर्ट को बताया कि जांच बिहार पुलिस द्वारा शुरू की गई थी, जिसे ईओयू विंग को सौंप दिया गया था। इसके बाद केंद्रीय स्तर पर नीट मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को स्थानांतरित कर दी गई है। एनटीए ने कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद 17 संदिग्ध उम्मीदवारों के परिणाम रोक दिए हैं।
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