शुक्रवार को नेपाल में भूकंप के दो झटके महसूस किए गए। पश्चिमी नेपाल के जाजरकोट जिले में शाम को तीन मिनट के अंतराल पर दो भूकंप आए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, पहला भूकंप 5.2 तीव्रता का था, जो रात 8:07 बजे आया, और इसके बाद 5.5 तीव्रता का दूसरा झटका 8:10 बजे महसूस किया गया। दोनों भूकंपों का केंद्र जाजरकोट जिले के पानीक क्षेत्र में था, जो काठमांडू से लगभग 525 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है।
नेपाल के सुरखेत, दैलेख और कालिकोट जैसे जिलों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि, अब तक किसी प्रकार के नुकसान या हताहत की सूचना नहीं है। नेपाल भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है, और यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन एजेंसियां आफ्टरशॉक्स और संभावित क्षति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
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उत्तर भारत में भी महसूस हुए भूकंप के झटके
नेपाल में आए भूकंप के अलावा, उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। लद्दाख, उत्तर प्रदेश के लखनऊ और उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भूकंप के झटके महसूस हुए। पिथौरागढ़ में रात 7:52 बजे 5.0 तीव्रता का भूकंप आया। वहीं, लद्दाख में रात 9:03 बजे 3.6 तीव्रता का भूकंप आया। इन भूकंपों से किसी प्रकार के बड़े नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन लोगों में दहशत फैल गई।
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म्यांमार में भारी भूकंप की तबाही
म्यांमार और थाईलैंड में भी हाल ही में जबर्दस्त भूकंप के झटके महसूस हुए थे, जिसने भारी तबाही मचाई। म्यांमार की सैन्य सरकार ने जानकारी दी कि इस भूकंप में अब तक 3,085 लोग मारे जा चुके हैं, 4,715 लोग घायल हुए हैं। 341 लोग अब भी लापता हैं। म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने विशाल क्षति पहुंचाई है।
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भारत ने म्यांमार को भेजी थी मदद
भारत ने म्यांमार में राहत और बचाव कार्य में मदद के लिए अपनी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीम भेजी है। 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत भारतीय सेना ने मांडले में एक फील्ड अस्पताल भी स्थापित किया है, जहां पहले दो दिनों में 200 से अधिक मरीजों का इलाज किया गया। इसके साथ ही, भारत ने सैन्य विमानों और जहाजों के जरिए दवाइयां, राशन, भोजन और टेंट म्यांमार भेजे हैं।
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