कट्टरपंथी समूह 'हिज्ब-उत-तहरीर' आतंकी संगठन घोषित, भारत को बनाना चाहता था इस्लामिक स्टेट

भारत सरकार ने वैश्विक इस्लामी कट्टरपंथी समूह हिज्ब-उत-तहरीर को प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि हिज्ब-उत-तहरीर भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।

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Vikram Jain
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New Delhi Indian government declares radical group Hizb ut Tahrir terrorist organization
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NEW DELHI. भारत सरकार ने कट्टरपंथी समूह हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) पर प्रतिबंधित लगाते हुए आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी घोषणा की। गृह मंत्रालय ने कहा कि इस इस्लामिक इस्लामी समूह का उद्देश्य जिहाद और आतंकवादी गतिविधियों के माध्यम से भारत सहित विश्वस्तर पर इस्लामी देश और खिलाफत स्थापित करना है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर इसको लेकर जानकारी दी है।

देश के लिए खतरा बताकर लगाया बैन

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा गया कि हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने, आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में संलिप्त है। यह एक ऐसा संगठन है जिसका उद्देश्य देश के नागरिकों को शामिल करके जिहाद और आतंकवादी गतिविधियों के जरिए लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को उखाड़ कर भारत समेत दुनिया भर में इस्लामी राष्ट्र और खिलाफत स्थापित करना है।

हिज्ब-उत-तहरीर संगठन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल और ‘दावाह’ (निमंत्रण) बैठक कर युवाओं को आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है। साथ ही आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। यह संगठन देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।

UAPA के तहत संगठन पर भारत में बैन

भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत इस कट्टरपंथी संगठन को प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है। अधिसूचना के अनुसार केंद्र सरकार का मानना ​​है कि हिज्ब-उत-तहरीर आतंकवाद की कई एक्टिविटी में शामिल है।  भारत में आतंकवाद की एक्टिविटी में लिप्त हुआ है।

क्या है हिज्ब-उत-तहरीर 

कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज्ब-उत-तहरीर स्थापना साल 1953 में यरुशलम में की गई थी। इसका उद्देश्य दुनिया भर में इस्लामी खलीफा (इस्लामिक स्टेट) की स्थापना करना है, जो उनके विचारों के अनुसार मुस्लिम दुनिया पर शरिया कानून लागू करेगा। 
संगठन की विचारधारा इस्लामिक कट्टरता पर आधारित है। यह लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को स्वीकार नहीं करता है। साथ ही एकीकृत इस्लामिक स्टेट की स्थापना पर जोर देता है।

भारत में संगठन की गतिविधियां

भारत में कुछ सालों में हिज्ब-उत-तहरीर की बढ़ती गतिविधियों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। अब केंद्र की मोदी सरकार ने इस संगठन को गंभीर खतरा मानते हुए इस पर बैन दिया है। केंद्र सरकार के अनुसार हिज्ब-उत-तहरीर भारत में इस्लामिक स्टेट की स्थापना की दिशा में काम कर रहा है। यह संगठन भारत के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश में लगा हुआ है।

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