NEET UG विवाद : CJI ने कहा- IIT एक्‍सपर्ट्स कल 12 बजे तक बताएं विवादित प्रश्न का सही उत्तर

नीट यूजी विवाद को लेकर सोमवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने विवादित सवाल की जांच के आदेश दिए। सीजेआई ने प्रश्न संख्या 19 का सही उत्तर दाखिल करने के निर्देश दिए है।

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Vikram Jain
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New Delhi NEET UG controversy hearing Supreme Court instructions
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NEW DELHI. नीट यूजी परीक्षा 2024 को रद्द करने और गड़बड़ी को लेकर दायर 40 से ज्यादा याचिकाओं पर आज(सोमवार) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई कल (मंगलवार) तक के लिए टाल दी है। यह चौथी सुनवाई थी। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आईआईटी दिल्ली प्रश्न संख्या 19 का सही उत्तर दाखिल करने के निर्देश दिए है।

सही आंसर पर IIT दिल्‍ली के एक्‍सपर्ट्स से राय लें

मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ नीट को लेकर दायर 40 से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई की।  बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा- नीट यूजी 2024 परीक्षा में कैंडिडेट्स को एक सवाल के लिए एक सही ऑप्शन चुनना था। परीक्षा में एक सवाल ऐसा था जिसके दो सही ऑप्शन थे। NTA को आंसर की में 1 ही सही आंसर देना चाहिए था। 2 सही ऑप्‍शन देने से 44 स्‍टूडेंट्स को बोनस मार्क्‍स मिले और 4.2 लाख कैंडिडेट्स को नुकसान हुआ है। इस पर IIT दिल्ली के एक्सपर्ट्स की राय लेनी चाहिए। हम IIT दिल्ली के डायरेक्टर से अनुरोध करते हैं कि 3 एक्सपर्ट्स की टीम बनाएं और इस विषय पर रिपोर्ट दें। एक सही ऑप्शन चुनकर मंगलवार 12 बजे तक रजिस्ट्रार को राय भेजें।

रिटन सबमिशन ई-मेल करने का आदेश 

इसके अलावा, सीजेआई ने याचिकाकर्ताओं से आधे पेज में नीट यूजी रीटेस्ट के पक्ष में तर्क का रिटन सबमिशन ई-मेल करने को कहा है। सुनवाई के दौरान एनटीए ने माना कि 3300 से ज्यादा स्टूडेंट्स को गलत पेपर दिया गया था। इन्हें एसबीआई की जगह केनरा बैंक का पेपर बांटा गया था।

छात्रों ने एनटीए के फैसले को दी थी चुनौती 

छात्रों ने प्रश्न संख्या 19 के दो विकल्पों के लिए अंक देने के एनटीए के फैसले को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता छात्र का कहना है कि उसने नेगेटिव मार्किंग के डर से उस प्रश्न को छोड़ दिया था। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि नीट के सेंटर व सिटी वाइज रिजल्ट से क्या निकला? याचिकाकर्ता के वकील नरेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हमने डेटा पर आधारित नोट सब्मिट कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि नीट का पेपर परीक्षा के दिन 5 मई से दो दिन पहले ही लीक हो चुका था। उन्होंने कहा कि नीट का पेपर 3 मई को या उससे पहले लीक हो चुका था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के बयानों से पता चलता है कि नीट पेपर लीक 4 मई से पहले हुआ।

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कोर्ट के सामने रखा जाए कोई ठोस आधार

सुनवाई के दौरान सीजेआई ने याचिकाकर्ता के वकील नरेन्द्र हुड्डा से कहा कि आप कैसे साबित कर सकते हैं कि नीट पेपर लीक पूरे देश में फैल गया? अदालत के समक्ष कोई ठोस आधार रखा जाए। अभी तक हमारे पास ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है। अगर कुछ सेंटरों के ज्यादा मार्क्स देखने में आए हैं तो उन्हें पेपर लीक से कैसे जोड़ें।

याचिकाकर्ताओं ने वकील ने यह भी मांग की कि 5 मई को हुई नीट को प्रीलिम्स मान लिया जाए और अब मेन्स परीक्षा कराई जाए। एक अन्य सुझाव यह दिया कि सभी नीट क्वालिफाई करने वाले स्टूडेंट्स को एक बार फिर से टेस्ट होना चाहिए।

इससे पहले एनटीए ने शनिवार को अदालत के आदेश का पालन करते हुए नीट के सेंटर वाइज व सिटी वाइज परिणाम जारी किए। एनटीए द्वारा जारी सेंटर वाइज रिजल्ट के डेटा के विश्लेषण से पता चला है कि पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं से कथित तौर पर लाभान्वित होने वाले उम्मीदवारों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। हालांकि कुछ केंद्रों पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों की संख्या अधिक रही।

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