New guidelines for airlines, उड़ान में देरी पर पैसेंजर्स आ सकेंगे बाहर

अब पैसेंजर्स को फ्लाइट बोर्ड करने के बाद घंटों बैठे नहीं रहना पड़ेगा। उड़ान में ज्यादा देरी होने या फ्लाइट में बैठने के बाद आपात स्थितियों में पैसेंजर्स को एयरपोर्ट के डिपार्चर गेट से बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी।

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Jitendra Shrivastava
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BHOPAL. बोर्डिंग के बाद फ्लाइट ( airlines ) की उड़ान में देरी होने पर पैसेंजर्स को विमान में बैठकर इंतजार नहीं करना होगा। वे फ्लाइट से बाहर भी आ सकते हैं। अब यात्रियों को एयरपोर्ट के एग्जिट गेट यानी डिपार्चर गेट से बाहर निकालने की एयरलाइन कंपनियों को परमिशन देना होगी। एविएशन सेफ्टी को देखने वाली संस्था ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) ने 30 मार्च को एक गाइडलाइन जारी की थी, जो अब लागू हो गई है।

इस मामले को ऐसे समझिए... 

पहले बाहर क्यों नहीं आने देते थे फ्लाइट से ?

फ्लाइट पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर एयरपोर्ट पर टेक-ऑफ करती हैं। एयरक्राफ्ट टेक-ऑफ की लाइन में तभी लग पाते हैं, जब पैसेंजर्स को बैठाने के बाद उनका दरवाजा बंद हो गया हो। अगर कोई भी एयरक्राफ्ट गेट पर वापस लौटता है तो वो कतार से बाहर हो जाएगा। ज्यादा कोहरे में विमान समय से टेकऑफ नहीं कर पाते तो इनकी लाइनें 100 तक पहुंच जाती है। इससे यात्रियों को 5-5 घंटे फ्लाइट में ही इंतजार करना पड़ता है। अगर यात्रियों को प्लेन से उतार दिया जाए तो वो अराइवल टर्मिनल से बाहर आएंगे, लेकिन वापस जाने के लिए उन्हें फिर पूरे सिक्योरिटी चेक से गुजरना होगा इसमें बहुत समय खर्च होता है।

इसलिए लिया फैसला

पिछले दिनों हुई घटनाओं में जनवरी में मुंबई एयरपोर्ट पर फ्लाइट में देरी होने के कारण उतरे और टारमैक पर बैठ गए। जमीन पर बैठकर पैसेंजर्स ने डिनर किया। वहीं जनवरी की ही एक और घटना में गोवा जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट (6E-2175) के पैसेंजर ने परेशान होकर पायलट को थप्पड़ मारा था। फ्लाइट को सुबह 7.40 बजे उड़ान भरना था, लेकिन कोहरे के कारण इसमें कई घंटों की देरी हो गई थी। इन दोनों घटनाओं के बाद BCAS ने यह गाइडलाइन जारी की है।

नए नियम के बाद अब ये होगा

अब पैसेंजर्स को फ्लाइट बोर्ड करने के बाद घंटों बैठे नहीं रहना पड़ेगा। उड़ान में ज्यादा देरी होने या फ्लाइट में बैठने के बाद आपात स्थितियों में पैसेंजर्स को एयरपोर्ट के डिपार्चर गेट से बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी। BCAS के डायरेक्टर जनरल जुल्फिकार हसन ने कहा कि एयरपोर्ट ऑपरेटर्स को गाइडलाइन लागू करने के लिए स्क्रीनिंग के साथ ही बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था करनी होगी। पैसेंजर्स को फ्लाइट से उतारने का निर्णय एयरलाइन और उससे जुड़ी सिक्योरिटी एजेंसी ले सकेंगी।

फ्लाइट कितनी देर लेट होने पर ही पैसेंजर उतरेंगे ये तय नहीं

कितनी देरी होने के बाद पैसेंजर्स को फ्लाइट से निकलने की अनुमति होगी, इसे लेकर अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है। बस इतना बताया गया है कि पैसेंजर्स को फ्लाइट से उतारने का निर्णय एयरलाइन और उससे जुड़ी सिक्योरिटी एजेंसी लेंगी। फ्लाइट से बाहर आने पर पैसा वापस मिलेगा और कितना, इसे लेकर भी गाइडलाइन में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है।

BCAS क्या है?

साल 1978 में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के अधीन BCAS की स्थापना की गई थी। उस समय फ्लाइट में किडनैपिंग और हिंसा पर लगाम लगाने के लिए BCAS बनाया गया था। अप्रैल 1987 में इसे आटोनॉमस डिपार्टमेंट बना दिया गया। इसका काम अंतरराष्‍ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के मानकों, कार्य प्रणालियों और भारत के राष्‍ट्रीय नागर विमानन सुरक्षा मानकों से जुड़े प्रोटोकॉल्‍स की निगरानी करना है।

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