CHENNAI. भारत में निर्मित सेमी-हाई-स्पीड वंदेभारत एक्सप्रेस की अगली खेप भगवा रंग की होगी। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस स्वदेशी ट्रेन की 28वीं रेक का नया रंग केसरिया होगा और ये भारतीय तिरंगे से प्रेरित है। बता दें कि नई भगवा वंदेभारत एक्सप्रेस, वर्तमान में चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में तैयार हो रही है, जहां वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण किया जाता है। शनिवार (8 जुलाई) को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यहां की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री का निरीक्षण किया और वंदे भारत एक्सप्रेस में सुधार की समीक्षा की।
तीन मुद्दों पर हुई चर्चा
उन्होंने आगे कहा,"हमने आज हमारे और अधिकारियों के बीच तीन मुद्दों पर चर्चा हुई। पहला, किस तरह दक्षिण रेलवे में ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाई जाए। दूसरा, हैरिटेज स्पेशल ट्रेन को लेकर चर्चा हुई और तीसरी बात वंदे भारत ट्रेन में क्या सुधार किया जाए, उस बात पर चर्चा हुई।"
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फीडबैक के आधार पर डिजाइन्स में बदलाव, 25 सुधार किए गए
निरीक्षण करने के बाद रेल मंत्री ने मीडिया से कहा कि यह मेक इन इंडिया की एक अवधारणा है, जिसे भारत में हमारे अपने इंजीनियरों और तकनीशियनों द्वारा डिजाइन किया गया है। वंदेभारत के संचालन के दौरान एसी, शौचालय आदि के संबंध में हमें फील्ड इकाइयों से जो भी फीडबैक मिल रहा है, उनके मुताबिक डिजाइन्स में बदलाव किए जा रहे हैं। वंदे भारत ट्रेनों में 25 सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि एक नई सुरक्षा सुविधा, 'एंटी क्लाइंबर्स' या एंटी-क्लाइंबिंग डिवाइस, जिस पर हम काम कर रहे हैं, की भी आज समीक्षा की गई। ये सभी वंदेभारत और अन्य ट्रेनों में मानक सुविधाएं होंगी।
28वें रेक का रंग परीक्षण के तौर पर बदला जा रहा
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि वंदेभारत एक्सप्रेस के कुल 25 रेक अपने निर्धारित मार्गों पर परिचालन कर रहे हैं और दो रेक आरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि 28वें रेक का रंग परीक्षण के तौर पर बदला जा रहा है। बता दें कि भारत का सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन सेट, अब देश भर के सभी रेल-विद्युतीकृत राज्यों में अपनी सेवाएं प्रदान करता है। 50 परिचालन सेवाओं के साथ, वंदे भारत एक्सप्रेस ने रेल यात्रा में व्यापक बदलाव किए हैं।
मेक इन इंडिया... कब हुई थी पहली वंदेभारत ट्रेन शुरू
चेन्नई में मौजूद इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में निर्मित, वंदे भारत ट्रेन, 'मेक-इन-इंडिया' पहल का प्रतीक है और भारत की इंजीनियरिंग कौशल को प्रदर्शित करता है। इस स्वदेशी सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन सेट बनाने की परियोजना 2017 के मध्य में शुरू हुई और 18 महीने के भीतर, आईसीएफ चेन्नई ने इस लक्ष्य को पूरा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली और वाराणसी के बीच चलने वाली पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई थी। इस ट्रेन ने कोटा-सवाई माधोपुर सेक्शन पर 180 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति हासिल की है।