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इंटरनेशनल डेस्क. निपाह वायरस की वैक्सीन की इंसानों पर टेस्टिंग शुरू हो चुकी है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ये ट्रायल कर रही है। अब तक इस वायरस की कोई वैक्सीन नहीं है। अगर इसकी टेस्टिंग सफल हुई तो ये पहला टीका होगा। फिलहाल डॉक्टर्स निपाह वायरस के लक्षणों को दवाइयों के जरिए कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं।
52 लोगों को दिया वैक्सीन का डोज
पिछले हफ्ते 18 से 55 साल की उम्र के लोगों को निपाह वैक्सीन के डोज दिए गए हैं। वैक्सीन का इम्यून सिस्टम पर क्या असर हो रहा है, इसकी स्टडी की जा रही है। ये डोज उसी तकनीक पर आधारित हैं, जिसका उपयोग एस्ट्राजेनेका और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोविड-19 शॉट्स में हुआ था।
ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप की निगरानी में टेस्टिंग
निपाह वैक्सीन की टेस्टिंग ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप की निगरानी में हो रही है। इसे CEPI फंड दे रहा है। CEPI एक वैश्विक गठबंधन है जो नई संक्रामक बीमारियों के खिलाफ वैक्सीन बनाने में सपोर्ट करता है। अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना ने भी निपाह वायरस के लिए वैक्सीन बनाने का काम शुरू किया था। 2022 में मॉडर्ना ने US नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऐलर्जी एंड इंफेक्शियस डिसीज के साथ मिलकर वैक्सीन बनाना शुरू किया था, हालांकि इसका ट्रायल अभी शुरू नहीं हुआ है।
2018 में केरल में निपाह ने ली थी 17 लोगों की जान
केरल के कोझिकोड और मलप्पुरम में 2018 में निपाह वायरस से 17 लोगों ने जान गंवाई थी। इससे बाद निपाह वायरस का मामला 2019 में कोच्चि में सामने आया था। वहीं, 2021 में भी कोझिकोड में निपाह वायरस का एक केस मिला था। सितंबर 2023 में भी 6 लोग निपाह से संक्रमित पाए गए थे। कोझिकोड में 2 लोगों की मौत हुई थी।
निपाह जूनोटिक वायरस
निपाह एक तरह का जूनोटिक इन्फेक्शन है। ये जानवर से फैलता है। निपाह वायरस चमगादड़ और सुअर जैसे जानवरों के जरिए इंसानों तक पहुंच सकता है।