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आज निर्जला एकादशी है। यह व्रत हर साल ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ता है। इस दिन बिना जल के उपवास करने से साल की सारी एकादशियों का पुण्य फल प्राप्त हो जाता है।
यह उपवास करने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थों की भी प्राप्ति होती है। इस दिन आप अच्छे स्वास्थ्य और सुखद जीवन की मनोकामना करते हैं तो वो भी पूरी हो जाती है।
पूजा का मुहूर्त
इस साल निर्जला एकादशी पर पूजा के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं। आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में श्री हरी भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं। हालांकि ये मुहूर्त आज सुबह 4.03 बजे से सुबह 4.43 बजे तक ही था। इसके अलावा आप सुबह 11.54 बजे से दोपहर 12.50 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में निर्जला एकादशी की पूजा कर सकते हैं।
पारण विधि और मुहूर्त
निर्जला एकादशी व्रत के अगले दिन सुबह स्नान करके सूर्य को अर्घ्य दें। गरीबों को अन्न, वस्त्र और जल का दान करें। इसके बाद नींबू पानी पीकर व्रत समाप्त करें। व्रत समाप्ति पर पहले हल्का भोजन ही करें तो उत्तम होगा। निर्जला एकादशी 2024 पारण का समय 19 जून दिन बुधवार को सुबह 5 बजकर 24 मिनट से सुबह 7 बजकर 28 के बीच रहेगा।
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निर्जला एकादशी पर क्या करें?
इस दिन अन्न का सेवन न करें। स्वास्थ्य की समस्या है तो सात्विक आहार लें। अगले दिन बिना दान किए व्रत न खोलें। गुस्सा, निंदा और आलस से बचें। चावल का सेवन बिल्कुल न करें। एकादशी ( Nirjala Ekadashi ) में नमक का भी सेवन नहीं करना चाहिए। तुलसी में जल न दें।
धन संबंधी उपाय
निर्जला एकादशी के दिन एक सफेद रंग का शंख खरीदें। इसमें गंगाजल भर लें और श्री हरि के चरणों में डालें। इसके बाद उस शंख से तीन बार ध्वनि करें। शंख को धोकर पूजा के स्थान पर रख दें। घर में धन आता भी रहेगा और बचत भी होती रहेगी।
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