मणिपुर में 4 मई को 2 लड़कियों से हुई थी दरिंदगी! पुलिस की दर्ज FIR में यौन उत्पीड़न की धारा ही नहीं, सिर्फ डकैती-घुसपैठ के आरोप 

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Jitendra Shrivastava
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मणिपुर में 4 मई को 2 लड़कियों से हुई थी दरिंदगी! पुलिस की दर्ज FIR में यौन उत्पीड़न की धारा ही नहीं, सिर्फ डकैती-घुसपैठ के आरोप 

IMPHAL. मणिपुर पिछले 80 दिन से हिंसा की चपेट में है. इस पहाड़ी राज्य से एक-एक कर हैरान करने वाले मामले सामने आ रहे हैं। 19 जुलाई को मणिपुर का महिलाओं से दरिंदगी का एक वीडियो वायरल हुआ था, इससे पूरा देश शर्मसार हो गया था। मणिपुर से अब एक के बाद एक कई मामले सामने आ रहे हैं। दरअसल, मई में यहां 2 लड़कियों के साथ कथित तौर पर रेप हुआ था, इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी, लेकिन हैरानी की बात ये है कि मणिपुर पुलिस ने जो  FIR दर्ज की थी उसमें यौन उत्पीड़न से संबंधित कोई धारा नहीं है। बल्कि सिर्फ डकैती, शरारत और घुसपैठ के आरोप दर्ज किए गए हैं। 



पीड़िता की मां की शिकायत पर 16 मई को जीरो FIR दर्ज की गई थी



घटनास्थल से 35 किमी दूर कांगपोपकी जिले के सैकुल पुलिस स्टेशन में पीड़ितों में से एक पीड़िता की मां की शिकायत पर 16 मई को जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि 4 मई को 100 से 200 लोगों की भीड़ गांव में आई और उनकी बेटी और उसकी सहेली के साथ रेप किया। आरोपियों ने यातना देने के बाद बेरहमी से हत्या कर दी। शिकायत के अनुसार दोनों लड़कियां एक कार वॉश आउटलेट पर काम करती थीं और इम्फाल ईस्ट के कोनुंग ममांग में किराए के मकान में रहती थीं। बताया जा रहा है कि दोनों महिलाओं की हत्या के बाद उनके शव अभी तक परिवार को नहीं सौंपे गए हैं। इन शवों को इंफाल घाटी के एक अस्पताल के मुर्दाघर में रखा गए हैं, लेकिन हैरानी की बात ये भी है कि जिस अस्पताल में बॉडी रखी हैं, वह पीड़ितों के परिवार जातीय संघर्ष के बाद जा तक नहीं सकते। मणिपुर की हिंसा में अब तक 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।



पुलिस ने इन धाराओं में दर्ज की FIR



पुलिस अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यह एक जीरो एफआईआर थी, पोरोम्पैट पुलिस स्टेशन द्वारा मामले की जांच शुरू होने पर अन्य धाराएं जोड़ी जा सकती हैं। जब किसी पुलिस स्टेशन को उसके अधिकार क्षेत्र के बाहर हुए किसी अपराध के संबंध में शिकायत मिलती है, तो वह जीरो एफआईआर दर्ज करता है। सैकुल पुलिस स्टेशन में IPC की धारा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 397 और 398 (डकैती या घातक हथियार से लैस होने पर डकैती करने का प्रयास), 427 (शरारत), 436 (घर को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ द्वारा शरारत), 448 (अतिक्रमण), धारा-34 (सामान्य इरादा) और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 (1 सी) (प्रतिबंधित हथियार रखना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। 



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पुलिस ने छठवें आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है



4 मई को कांगपोकपी में 2 महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़कों पर दौड़ाने, पीटने के मामले में पुलिस ने छठवें आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी नाबालिग है। पुलिस ने 19 जुलाई को भयावह घटना का 26 सेकंड का वीडियो सामने आने के एक दिन बाद गुरुवार को पहली गिरफ्तारी की थी। उस दिन बाद में तीन और गिरफ्तारियां की गईं थीं। वीडियो में दिख रही महिलाओं में से एक एक पूर्व सैनिक की पत्नी है, जो असम रेजिमेंट में सूबेदार के रूप में कार्यरत थे और कारगिल युद्ध में भी लड़े थे। 3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 160 से अधिक लोगों की जान चली गई है, और कई घायल हुए हैं। 


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