Jamtara. झारखंड का जामताड़ा वैसे तो साइबर ठगों के लिए मशहूर है, लेकिन अब यहां के एक उन्नतशील किसान ने अपने खेत में 45 विदेशी प्रजातियों के आम के पौधों को पेड़ में तब्दील कर लिया है। उनके बाग में जापान का मियाजाकी आम भी अच्छी तादाद में फल रहा है, जिसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 2.5 से 2.7 लाख रुपए प्रतिकिलो कीमत है। नाला विधानसभा के अरिंदम चक्रवर्ती ने अपने बगीचे में जापानी आम मियाजाकी, थाईलैंड का वेरीमैंगो और किंग ऑफ चाकापाता, अमेरिकी प्रजाति का अमियाका रेड किंग, इंडोनेशिया का हारून मनीष जैसी प्रजातियों के आम के पेड़ लगाए हैं। खास बात यह है कि अरिंदम के बाग में इस साल मियाजाकी आम की अच्छी खासी पैदावार हुई है, जिसे देखकर वह काफी खुश है।
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झारखंड में विदेशी आम लगाने वाले पहले किसान
अरिंदम का कहना है कि वह झारखंड के इकलौते किसान हैं जिसने विविध प्रजाति के आमों की खेती का काम शुरू किया है। अरिंदम की कामयाबी की चर्चा पूरे जामताड़ा में हो रही है। झारखंड के विधानसभा अध्यक्ष रविंद्रनाथ मेहतो भी ट्विटर के जरिए अरिंदम की मेहनत का जिक्र कर चुके हैं। अरिंदम ने 5 साल पहले आमों की विभिन्न प्रजातियों के पौधे पार्सल के जरिए मंगाए थे और उन्हें बाग में रोपा था।
मजाक उड़ाते थे लोग
अरिंदम ने बताया कि शुरूआत में लोग उनकी इस कोशिश का मजाक उड़ाते थे और ताने भी मारते थे। लेकिन 5 साल की मेहनत के बाद जब आम की पैदावार बढ़ी है तो लोग उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे। बीते साल ही अरिंदम अपने बगीचे में सेब की खेती कर चर्चा में आए थे। आज उनके बाग में देशी और विदेशी मिलाकर आम की कुल 45 प्रजातियां मौजूद हैं। जिनमें से कुछ में अच्छी पैदावार निकल रही है तो कुछ प्रजातियों के पेड़ों में औसत आम आए हैं। अरिंदम ने कहा है कि यदि अन्य किसान भी अपने बगीचे में आम का उत्पादन करना चाहते हैं तो वे उन्हें मुफ्त में परामर्श देंगे। इसके पीछे कारण यह है कि अरिंदम कृषि विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली से नाराज हैं, उनका कहना है कि कृृषि विभाग के अधिकारियों ने उनके प्रयासों में कभी कोई सहयोग नहीं किया। ऐसे में अरिंदम ने खुद ही किसानों की मदद करने की ठान ली है।