अब यूजर्स को एंड्रॉयड फोन में गूगल की ऐप्स चुनने की मिली पूरी आजादी, खुद तय कर सकेंगे गूगल एप का यूज करें या नहीं

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The Sootr
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अब यूजर्स को एंड्रॉयड फोन में गूगल की ऐप्स चुनने की मिली पूरी आजादी, खुद तय कर सकेंगे गूगल एप का यूज करें या नहीं

NEW DELHI. भारत में स्मार्टफोन बाजार में लगभग एकाधिकार कर चुके गूगल को आखिरकार सरकार के सामने झुकना ही पड़ा है। कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) के भारी भरकम जुर्माने के बाद गूगल ने अपने प्ले स्टोर से जुड़ी पॉलिसी में बदलाव कर दिया है। अब यूजर्स को एंड्रॉयड फोन में गूगल की ऐप्स चुनने की पूरी आजादी होगी। इसके साथ ही अब यूजर्स डिफॉल्ट सर्च इंजन के ​रूप में बिंज या याहू जैसी दूसरी ऐप्स को भी चुन सकेंगे। 



कंपनी का ऐलान- मोबाइल में गूगल एप रखना कंपलसरी नहीं होगा



आप जब भी कोई नया एंड्रायड फोन खरीदते हैं तो उसमें पहले से ही गूगल के कुछ एप इंस्टॉल रहते हैं। आप चाहें तब भी इन्हें हटा नहीं सकते। क्योंकि गूगल मोबाइल बनाने वाली कंपनियों को इसी शर्त पर एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम दे रहा था कि उन्हें उसके एप प्री-इंस्टॉल करने होंगे, लेकिन अब गूगल ने ऐलान किया कि अब मोबाइल में गूगल रखना कंपलसरी नहीं होगा। यह मोबाइल कंपनियों की इच्छा पर निर्भर है कि वे गूगल के एप प्री-इंस्टॉल करें या न करें। 



अब यूट्यूब, फोटो, जीमेल जैसे इन कंपल्सरी एप्स को रखना जरूरी नहीं 



देश में बिकने वाले करीब 97 प्रतिशत मोबाइल एंड्रॉयड के होते हैं। एंड्रॉयड गूगल का ही एक आपरेटिंग सिस्टम है। ऐसे में देश में बिकने वाले 97 फीसदी फोन पर गूगल का एकाधिकार है। दरअसल, गूगल मोबाइल मैन्युफैक्चरर्स इन एप्स को स्थाई रूप से इंस्टॉल करने की अनिवार्यता लागू करता है। अब गूगल के ये एप्स अनिवार्य नहीं होंगे। गूगल प्ले स्टोर में इसी संबंध में बदलाव किया है। गूगल ने कहा है कि अब यूट्यूब, फोटो, जीमेल जैसे इन कंपल्सरी एप्स को रखना जरूरी नहीं होगा। 



इसलिए गूगल को लेना पड़ा फैसला 



पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) द्वारा उस पर लगाए गए 1337.76 करोड़ रु. के जुर्माने पर रोक से इनकार कर दिया था। सीसीआई की जुर्माना लगाने की वजह यह थी कि गूगल एंड्रॉयड के बदले में मार्केट में कंपटीशन के नियमों का उल्लंघन कर रहा था। सीसीआई के निर्णय के बाद गूगल ने भारत सरकार को लगभग धमकी देते हुए जुर्माने को रद्द करने की मांग की थी। 



अमेरिका में भी चल रहा है गूगल पर केस



अमेरिका में न्याय विभाग और 8 राज्यों ने ऑनलाइन विज्ञापन बाजार में मोनोपोली कायम करने की पॉलिसी को लेकर गूगल के खिलाफ केस किया है। 140 पेज की शिकायत में कहा गया है कि डिजिटल विज्ञापन में गूगल ने सर्च इंजन में अपने प्रभुत्व से प्रतिस्पर्धा को खत्म कर दिया है।


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