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NEW DELHI. विश्वविद्यालयों के स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए आयोजित कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट-अंडर ग्रेजुएट (CUET-UG) के उत्तरों में गड़बड़ी को आखिरकार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने स्वीकार कर लिया है। साथ ही कहा है कि यह सिर्फ तकनीकी और टाइपिंग की त्रुटियां हैं। इन्हें ठीक किया जा रहा है। छात्रों की ओर से इस संबंध में आ रही शिकायतों का भी संज्ञान लिया जा रहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने भी टाइपिंग त्रुटियों का हवाला देते हुए उत्तर कुंजी में गड़बड़ियों को लेकर एनटीए का बचाव किया है।
गड़बड़ी कैसे हुई?
एनटीए के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक यह गड़बड़ी कैसे हुई इसका पता लगाया जा रहा है। वैसे भी यह अंतरिम उत्तर कुंजी थी। चुनौती की अवधि खत्म होने के बाद नए सिरे से पूरी उत्तर कुंजी को जांचा जाता है। इसके बाद अंतिम उत्तर कुंजी जारी की जाती है।
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छात्र और अभिभावकों ने सोशल मीडिया पर शिकायतें कीं
एनटीए की ओर से CUET-UG में पूछे गए सवालों के गलत जवाब बताए जाने के बाद छात्रों की नाराजगी के बाद शनिवार (1 जुलाई) को दिनभर एनटीए में भारी हलचल रही। छात्रों और अभिभावकों ने भी सोशल मीडिया पर इस गड़बड़ी को लेकर जमकर सवाल उठाए और शिकायतें कीं। इस बीच हिंदी, राजनीति विज्ञान, जनरल टेस्ट, गृह विज्ञान सहित कई अन्य प्रश्नों के उत्तरों में भी बड़े स्तर पर गड़बड़ी सामने आई है।
चुनौती देने के लिए 200 रुपए की फीस पर भी उठे सवाल
छात्रों और अभिभावकों ने गलत उत्तरों को चुनौती देने पर एनटीए की ओर से प्रति चैलेंज दो सौ रुपए ली जा रही फीस पर भी सवाल उठाए और इसे छात्रों के साथ लूट बताया। छात्रों का कहना है कि जिस तरह से एक-एक पेपर में 12 से 15 सवालों के उत्तर गलत मिल रहे हैं, ऐसे में किसी छात्र को यदि 20 गलत उत्तर चैलेंज करने पड़े तो उसे चार हजार रुपए देने पड़ेंगे। कोई सामान्य छात्र इतने रुपए कैसे दे सकेगा। कई छात्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि उन्होंने 23 सवालों के गलत उत्तरों को चैलेंज किया है, जिसके लिए उन्हें 46 सौ रुपए देने पड़े हैं।